Agnipath Scheme Protest: भारत सरकार के इरादे और मकसद नौजवानों के लिए भले ही नेक हो लेकिन सरकार की नई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) युवाओं को रास नहीं आ रही है. बिहार (Bihar) से लेकर राजस्थान (Rajasthan) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से लेकर हरियाणा (Haryana) तक हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं.
सड़क पर उतरे छात्रों का गुस्सा कम करने के लिए केंद्र सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना में बड़ा संशोधन किया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है. हलांकि ऊपरी उम्र सीमा में छूट सिर्फ 2022 की भर्ती प्रक्रिया में लागू होगी. बता दें, अग्निपथ भर्ती योजना के तहत भर्ती की न्यूनतम उम्र साढ़े 17 साल और अधिकतम आयु 21 साल है.
बिहार में तेज है विरोध प्रदर्शन
अग्रनिपथ योजना का सबसे ज्यादा विरोध बिहार में हो रहा है. बिहार के नवादा में उपद्रवियों ने बीजेपी कार्यालय पर हमला बोल दिया. तोड़फोड़ करने के बाद कार्यालय को आग के हवाले भी कर दिया. बता दें, विरोध प्रदर्शन की वजह से ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुई है. रेलवे को 34 ट्रेने रद्द करनी पड़ी है जबकि 72 ट्रेनें देरी से चल रही है.
योजना को लेकर गुस्साएं नौजवानों का क्या कुछ कहना है आइये समझते हैं...
युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही सरकार- युवा
एक युवा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर सेना भर्ती के लिए तैयारी कर रहे तमाम युवाओं का भविष्य खतरे में डाला है. हम इतनी महनत कर के सेना में भर्ती होते हैं और ये चार साल की नौकरी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस चार साल में पहले 8 महीने ट्रेनिंग होगी और 6 महीने छुट्टी होगी तो हम कितने समय हम नौकरी करेंगे?
पहले मेरे जैसे लोगों को नौकरी दे सरकार- 22 साल सेना में नौकरी करने वाला शख्स
युवाओं ने एक आवाज में कहा, भर्ती की नई व्यवस्था को खत्म कर पुरानी व्यवस्था को वापस शुरू किया जाए. वहीं, एक शख्य जिसने 22 साल सेना में नौकरी की है उसने एबीपी न्यूज़ की टीम से बात करते हुए कहा कि, मोदी सरकार ने ये जो जुमला फेंका है कि चार साल नौकरी करो और फिर बाद में दूसरी नौकरी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं 22 साल सेना में रहा हूं... चार साल छोड़ों पहले मेरे जैसे लोगों को नौकरी दो...
चार साल बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा
साफतौर पर नौजवानों में गुस्सा आक्रोश देखने को मिल रहा है. वहीं, सरकारा ने दलील देते हुए कहा कि, अग्निपथ योजना युवाओं की बेहतरी और और सेना की आधुनिकीकरण के लिए है. उनका कहना है कि, योजना को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. अग्निपथ योजना के मुताबिक़ भारतीय सेना में चार सालों के लिए युवाओं की भर्तियां होंगी. नौकरी के बाद उन्हें सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा.
युवाओं के ये पांच सवाल...
विरोध कर रहे नौजवानों का पहला सवाल ये है कि, चार साल की नौकरी का मतलब हुआ कि चार साल बाद वो बेरोजगार हो जाएंगे. लेकिन सरकार की दलील है कि उनको दूसरी नौकरियों में तरजीह दी जाएगी.
विरोध करने वालों का दूसरा सवाल ये है कि चार साल बाद 75 फीसदी सैनिक वापस लौटा दिए जाएंगे यानी तीन चौथाई लोग बेरोजगार हो जाएंगे. जबकि सरकारी पक्ष की दलील है कि नई योजना से सेना ज्यादा युवा होगी, ज्यादा जोश से काम करेगी और उसकी औसत आयु कम होगी.
विरोध करने वालों का एक तर्क और चिंता ये भी है कि पेंशन सुविधा खत्म हो जाएगी. वैसे भी सिर्फ फौज में ही पेंशन थी लेकिन सरकार की दलील है कि महज चार साल की नौकरी में 12 लाख रुपये की एकमुश्त रकम मिल जाएगी जिससे युवाओं का भला होगा.
युवाओं का चौथा सवाल ये है कि चार साल बाद हमरा भविष्य क्या होगा? सरकार क्लीअर करे इस बात को... क्या गार्ड की जॉब करेंगे?
अब ये ओवरएज हुए युवा क्या करेंगे? अब अगर ये टीओडी लागू होता है तो हमारी इतने सालों की महनत बेकार हो जाएगी? क्या करेंगे हम?
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