अग्निवीर अमृतपाल सिंह को क्यों नहीं दिया गया 'गार्ड ऑफ ऑनर'? सेना ने बताई वजह
Agniveer Amritpal Singh Death: अग्निवीर अमृतपाल सिंह को 11 अक्टूबर को खुद की राइफल से गोली लगी थी. इसकी जांच के लिए 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' गठित की गई है.
Agniveer Amritpal Singh Death: पंजाब के मानसा जिले के गांव कोटली कलां 19 साल के अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए थे. उनकी जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनाती थी. 11 अक्टूबर को उनको खुद की राइफल से गोली लग गई और मौत हो गई.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अमृतपाल सिंह का शुक्रवार (13 अक्टूबर) को उनके पैतृक गांव कोटली कलां में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सेना के जवान भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए. हालांकि मामले की वास्तविकता का पता लगाने के लिए 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' गठित की जा चुकी है.
भारतीय सेना ने जताई शोक संवेदना
भारतीय सेना की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए अग्निवीर अमृतपाल सिंह के शोक संतप्त बहादुर परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.
प्राइवेट एंबुलेंस से गांव पहुंचा था अमृतपाल का शव
अग्निवीर के पार्थिव शरीर को उनकी यूनिट की ओर से किराये पर ली गई प्राइवेट एंबुलेंस में गांव लाया गया. एंबुलेंस में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और 4 अन्य रैंकों के साथ जवान शव के साथ गांव पहुंचे थे. सेना ने बताया, 'वर्तमान नीति के अनुसार अग्निवीर अमृतपाल सिंह को 'गार्ड ऑफ ऑनर' प्रदान नहीं किया गया.'
सेना में भर्ती से पहले पिता के साथ करते थे किसानी
अमृतपाल सिंह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था. एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाले अमृतपाल सिंह सेना में भर्ती होने से पहले अपने पिता के साथ किसानी में हाथ बंटाने का काम करते थे. वह ट्रैक्टर के शौकीन थे.
अमृतपाल सिंह की बहन कनाडा में रहती हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमृतपाल सिंह 10 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. अमृतपाल सिंह की बहन कनाडा में रहती हैं. पिता गुरदीप सिंह का कहना है कि अमृतपाल ने अपनी भतीजी की शादी के लिए छुट्टी ली थी. कनाडा में रहने वाली बहन और अमृतपाल सिंह एक साथ घर आने वाले थे.