(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Agniveer Rally: अंबाला में शुरू हुई महिला अग्निवीरों की भर्ती, मिलिट्री-पुलिस कोर में होगी तैनाती
भारतीय सेना में महिला अग्निवीरों की भर्ती के लिए अंबाला में भर्ती रैली का आयोजन किया गया है. ये रैली 7 नवंबर से 9 नवंबर तक चलेगी और यहां से रिक्रूट की गई कैडेट्स को सेना पुलिस में तैनाती मिलेगी.
Agniveer Women Recruitment Rally 2022: हमारी छोरियां छोरों से कम नहीं हैं तर्ज पर भारतीय सेना में अब महिला-अग्नि वीरों की भर्ती शुरू हो गई है. मंगलवार को हरियाणा के अंबाला में महिला-अग्नि वीरों की पहली रिक्रूटमेंट रैली शुरू की गई थी. तीन दिन तक (7-9 नवंबर) चलने वाली इस भर्ती रैली में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ की डेढ़ हजार से ज्यादा लड़कियां हिस्सा ले रही हैं. इस रैली की कवरेज के लिए एबीपी न्यूज की टीम खासतौर से अंबाला में सेना की खड़गा कोर (स्ट्राइक कोर) के स्टेडियम में मौजूद थी जहां ये भर्ती चल रही थी.
अग्निवीर बनने के लिए अब तक भारतीय सेना में 20 लाख से ज्यादा युवक आवेदन कर चुके हैं. भारतीय सेना में अग्निवीरों के पहले बैच के लिए कुल 40 हजार रिक्तियां हैं. लेकिन महिला अग्नि वीरों की संख्या थोड़ी कम है. क्योंकि थल सेना में महिला अग्निवीर फिलहाल एक ही कोर में शामिल हो सकती है और वो है कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस.
किस कोर में तैनात हो सकती हैं महिलाएं?
मिलिट्री-पुलिस ही सेना की एकमात्र ऐसी कोर है जिसमें महिलाएं जवान के पद पर तैनात हो सकती हैं. बाकी किसी कोर और यूनिट में महिलाएं जवान के पद पर तैनात नहीं हो सकती हैं. अफसर रैंक पर जरूर महिलाएं सेना की इन्फेंट्री आर्मर्ड और आर्टिलरी को छोड़कर अधिकतर कोर और यूनिट्स में तैनात हो सकती हैं.
भारतीय सेना के अंबाला स्थित जोनल रिक्रूटमेंट ऑफिसर मेजर जनरल रंजन महाजन ने बताया कि महिला-अग्निवीरों के लिए अंबाला सहित देश के अलग अलग हिस्सों में कुल 10 रिक्रूटमेंट रैलियां आयोजित कराई जा रही हैं. अंबाला जोन के तहत जो पहली रैला आयोजित की जा रही है उसमें हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और चंडीगढ़ की लड़कियां हिस्सा ले रही हैं. मेजर जनरल महाजन के मुताबिक इन रैलियों को कराने का उद्देश्य सेना के लिए बेस्ट आवेदकों को चुनना है.
मिलिट्री पुलिस में कब शुरू हुई थी महिलाओं की भर्ती?
मिलिट्री पुलिस में महिला जवानों के पद पर भर्तियां वर्ष 2020 में भर्ती हुई थीं और हाल ही में उन्होंने अपनी सेवाओं का एक साल पूरा किया है. इस साल दिवाली मनाने के लिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करगिल गए थे तो जवानों से मुलाकात के दौरान मिलिट्री पुलिस की महिला जवानों से खासतौर से मिले थे.
मिलिट्री पुलिस के जवानों की यूनिफॉर्म तो ठीक वैसी ही होती है जैसा कि बाकी सैनिकों की. लेकिन उनकी कैप लाल रंग की होती है. लाल कैप और कंधे पर सेना-पुलिस ही उनकी असली पहचान होती है. सेना की छावनियों में अनुशासन कायम करने के अलावा मिलिट्री पुलिस की युद्ध के समय एक अहम जिम्मेदारी होती है. दरअसल, युद्ध के समय में बंदी बनाए गए दुश्मन सैनिकों (युद्ध-बंदियों) की कस्टडी की जिम्मेदारी मिलिट्री पुलिस की ही होती है.
रिक्रूटमेंट रैली में क्या है इंतजाम?
सेना में अग्निवीर बनने के लिए जो बड़ी तादाद में आवेदन आए हैं उसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए अंबाला की रिक्रूटमेंट रैली में सभी महिला-आवेदकों की पहचान के साथ साथ बायोमैट्रिक तक हो रहा है. कंप्यूटर में उनकी फोटो और उनकी पूरी जानकारी सहित अंगूठे की छाप और आंखों तक को स्कैन किया जा रहा है.
रजिस्ट्रेशन और बायोमेट्रिक प्रक्रिया के बाद महिला अग्नि वीरों को एक पैराग्राफ लिखने के लिए दिया जाता है. उसके बाद उन्हें दौड़ने के लिए ट्रैक पर भेजा जाती है. सेना में किसी भी भर्ती प्रक्रिया के लिए दौड़ना सबसे पहला और अहम चरण माना जाता है. महिला हो या पुरूष सभी अग्निवीरों के लिए 1600 मीटर यानी डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा लंबी ये दौड़ एक निश्चित समय में पूरा करना बेहद जरूरी है. आवेदकों की सबसे ज्यादा छंटनी इसी दौड़ में हो जाती है.
अग्निवीर योजना के लिए क्या है जरूरी?
1600 मीटर की दौड़ के दौरान सभी लड़कियां 8 मिनट से कम में ये रेस पूरा करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं. क्योंकि अग्निवीर बनने के लिए ये पहला दौर पार करना बेहद जरूरी है. मंगलवार को अंबाला में होने वाली इस रिक्रूटमेंट रैली में 362 लड़कियों ने हिस्सा लिया. लेकिन सभी रेस पूरी नहीं कर पाई. कुछ लड़कियां बीच में ही लड़खड़ा कर गिर गई. उन्हें तुरंत मेडिकल सुविधा प्रदान की गई.
1600 मीटर की दौड़ को 8 मिनट में पूरा करने के बाद फिजिकल टेस्ट के लिए हाई जंप और लॉन्ग जंप को करना होता है. सभी सफल अभ्यर्थियों को 10 फीट की लॉन्ग जंप को पार करना होता है.
एबीपी से क्या बोले अभ्यर्थी?
लॉन्ग जंप और हाई जंप के बाद ही आवेदकों का मेडिकल टेस्ट होता है. अंबाला में पहली महिला अग्निवीर भर्ती रैली में पहुंची कुछ अभ्यर्थियों से एबीपी न्यूज़ ने खास बातचीत की. इस दौरान युवतियों ने बताया कि शुरुआत में अग्निपथ स्कीम को लेकर कुछ गलत भ्रांतियां जरूर फैलाई गई थीं. उनका इशारा इसी साल जून के महीने में अग्निपथ स्कीम लॉन्च के तुरंत बाद देश के अलग अलग हिस्सों में फैली हिंसा और विरोध प्रदर्शन की तरफ था.
लेकिन महिला अग्नि वीरों ने बताया कि अब देश के युवा अग्निवीर बनने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. अग्निवीर बनकर ये सभी लड़कियां देश की सेवा और रक्षा करना चाहती हैं.
एयरफोर्स में भी शुरू हुई भर्ती
थल सेना के साथ साथ भारतीय वायुसेना में भी अगले बैच यानि 2023 के लिए महिला-अग्नि वीरों की भर्ती के आवेदन शुरू हो गए हैं. लेकिन थलसेना की तरह ही भारतीय नौसेना में भी इसी साल से महिला-अग्नि वीरों की भर्ती हो जाएगी. नौसेना मे पहले ही महिला-अग्नि वीरों की भर्ती प्रक्रिया शुरु हो चुकी है.
भारतीय नौसेना में अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर बनने के लिए कुल 9. 55 लाख आवेदन आए थे. इनमें से 82,200 महिलाओं के आवेदन थे. नौसेना में अग्निपथ स्कीम के तहत 20 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रखी गई हैं. यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में महिला-अग्नि वीरों की भर्ती सशस्त्र सेनाओं में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा और सार्थक कदम माना जा रहा है.