गुड न्यूज: अग्निवीरों को मिलेगी स्थाई भर्ती, केंद्र सरकार ने तैयार किया पूरा रोडमैप
Agniveer Scheme: भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना से अग्निवीरों के पहले बैच को 2026 में कार्यमुक्त किया जाएगा. इसमें 25 फीसदी को खाली पदों के हिसाब से स्थाई नौकरी दी जाएगी.
Agniveer Scheme News: अग्निवीर योजना को बेहतर बनाने के उपायों पर केंद्र सरकार लंबे समय से विचार कर रही है. अब रक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर नये नियम करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना से अग्निवीरों के पहले बैच की विदाई साल 2026 में होने वाली है. तीनों सेनाओं में चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सभी जवान कार्यमुक्त होंगे और फिर उसमें से 25 फीसदी को स्थाई नौकरी दिया जाएगा. इसमें खाली पदों के हिसाब से अग्निवीरों की स्थाई भर्तियां की जाएगी.
कैसे मिलेगी स्थाई नौकरी
अग्निवीर स्कीम के तहत चार साल के दौरान दिए गए सेवा के आधार पर जो जवान योग्य पाए जाएंगे, उन्हें स्थाई भर्ती के लिए बुलाया जाएगा. हालांकि इसके लिए अलग से किसी भी तरह की कोई परीक्षा नहीं देनी होगी. बताया जा रहा है कि इसमें कई ऐसे अग्निवीर भी होंगे जो फिर से इस नौकरी को करने को इच्छुक नहीं होंगे, ऐसे स्थिति में वेटिंग लिस्ट भी जारी किया जाएगा. ताकि पहले से इंतजार कर रहे अग्निवीरों को मौता मिल सके. ऐसे में किसी भी अग्निवीर को पहले यह पता नहीं चलेगा कि उसकी नौकरी स्थाई हो पाएगी कि नहीं.
अग्निवीर स्कीम पर विपक्ष उठाता रहा है सवाल
विपक्ष लंबे समय से अग्निवीर योजना पर सवाल खड़ा करता रहा है, इसलिए सरकार पर भी इसमें बदलाव करने का दवाब था. सेना के तीनों विंग मिलाकर अभी तक कुल 55 हजार अग्निवीर भर्ती हो चुके हैं और 50 हजार अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसमें सबसे अधिक थल सेना 45 हजार पुरुष और 200 महिला अग्निवीर सैन्य पुलिस में हैं. वहीं वायुसेना और नौसेना में 10 हजार के करीब अग्निवीर भर्ती है, जिसमें से कुछ भर्ती की प्रक्रिया में भी हैं.
बीते दिनों अग्निवीरों की छुट्टी और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे विषयों पर चर्चा करने के लिए तीनों सेनाओं नेवी, एयर फोर्स और आर्मी के अधिकारियों की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के दौरान आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के अधिकारियों ने सैनिकों के कल्याण से संबंधित हित के सामान्य मुद्दों पर बातचीत की. इसके अलावा तीनों सशस्त्र सेवाओं में सभी रैंकों को प्रभावित करने वाली चिंताओं को दूर करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई थी.