AGR बकाया चुकाने को तैयार हुई वोडाफोन, सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश पर कंपनी का भविष्य निर्भर
AGR case: वोडाफोन आइडिया ने आज कहा कि भारत में कारोबार जारी रखने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में संशोधन के लिए दायर याचिका के परिणाम पर निर्भर करेगा.
नई दिल्ली: कर्ज के बोझ से दबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने शनिवार को कहा कि कंपनी इस बात का मूल्यांकन कर रही है कि वह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के तहत कितनी बकाया राशि का भुगतान कर सकती है. वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एजीआर बकाये का भुगतान करने की तैयारी कर रही है.
हालांकि, कंपनी ने कहा कि भारत में कारोबार जारी रखने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में संशोधन के लिए दायर याचिका के परिणाम पर निर्भर करेगा. वोडाफोन आइडिया ने बीएसई को बताया, “कंपनी इस समय मूल्यांकन कर रही है कि वह दूरसंचार विभाग को एजीआर पर आधारित बकाये की कितनी राशि का भुगतान कर सकती है.”
वोडाफोन आइडिया ने कहा, “कंपनी अगले कुछ दिनों में मूल्यांकन की गई राशि को चुकाने की पेशकश करती है.” वोडाफोन आइडिया लिमिटेड पर कुल 53,038 करोड़ रुपये की देनदारी है, जिसमें 24,729 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के लिए देने हैं, जबकि उसे 28,309 करोड़ रुपये लाइसेंस फीस के तौर पर चुकाने हैं.
कंपनी ने बताया, “जैसा कि 31 दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही के लिए कंपनी के वित्तीय बयानों में कहा गया है, कंपनी के काम करते रहने की क्षमता अनिवार्य रूप से इस बात पर निर्भर करेगी कि अनुपूरक आदेश में संशोधन के लिए उसके आवेदन के सकारात्मक नतीजे आएं.'' मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च 2020 को प्रस्तावित है.