UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा में शुक्रवार (10 नवंबर) की रात को एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां ब्रह्माकुमारी आश्रम में रहने वाली दो सगी बहनों ने सुसाइड कर लिया. मौत को गले लगाने वाली बहनों ने सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें आश्रम के ही कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 


सुसाइड नोट में सीएम योगी से लगाई गुहार


आगरा के जगनेर थाना क्षेत्र में सुसाइड करने वाली बहनों ने सुसाइड करने से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने सुसाइड के लिए संस्था के 4 लोगों को जिम्मेदार ठहराया. सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम की तरह आजीवन कारावास की सजा दिलाने के लिए कहा. दोनों बहनों ने लिखा है, "योगी जी इन आरोपियों को आसाराम बापू की तरह उम्रकैद की सजा दिलाना.'


मृतक बहनों में से शिखा (34) ने एक पेज का सुसाइड नोट लिखा है, जबकि एकता (38) ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा है. शिखा ने सुसाइड में दोनों बहनों के पिछले एक साल से परेशान होने का जिक्र किया है. सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर के आश्रम में रहने वाली एक महिला को जिम्मेदार ठहराया है.


तीन आरोपी गिरफ्तार


मृतक बहनों ने सुसाइड नोट में चारों आरोपियों पर पैसे हड़पने के आरोप लगाए हैं. एसीपी खैरागढ़ महेश कुमार ने कहा, "चारों आरोपी आगरा से बाहर के हैं, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, एक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें दबिश दे रही है".


एसपी ने आगे कहा, "सुसाइड नोट से कई सारी चीजें बिल्कुल साफ है, दोनों बहनों ने अपनी मृत्यु की जिम्मेदारी चार लोगों पर डाली है. यह सभी लोग इस केंद्र के फाउंडर हैं. सभी लोग मिलकर यह सेंटर एक साथ चला रहे थे, लेकिन 1 साल पहले इनके बीच मनमुटाव हुआ और संस्था का 25 लाख रुपया नीरज और एक महिला लेकर गए. इसके बाद नीरज ने इन दोनों बहनों से बात करना बंद कर दिया. इस वजह से दोनों बहनें काफी डिप्रेशन में थी. ऐसा प्रतीत होता है कि इसी वजह से दोनों बहनों ने खुदकुशी कर ली."


एसपी ने आगे कहा, "एक साल पहले नीरज और एक महिला यहां से ग्वालियर केंद्र में चले गए. वहां उनके बीच में किस तरह के संबंध रहे यह जांच का विषय है. तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सुसाइड नोट में जो भी बिंदु लिखे हैं उन पर जांच की जाएगी." 


सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने क्या लिखा?


दोनों बहनों ने सुसाइड नोट में लिखा, "हमारे पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपये आश्रम से जुड़े लोगों को दिए थे. 18 लाख रुपये गरीब मताओं से लिए गए थे, जिन्हें आरोपियों ने हड़प लिया. सुसाइड नोट में दूसरी बहन एकता ने लिखा, "नीरज ने उस केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था, लेकिन केंद्र बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया."


उन्होंने आगे लिखा, "एक साल तक हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी. नीरज का साथ उसके पिता के अलावा ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद नाम के शख्स ने भी दिया था. 15 साल तक साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की महिला के साथ अनैतिक संबंध बनाता रहा. चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है." 


सुसाइड नोट में आखिर में लिखा, "प्लीज हमें गलत ना समझा जाए, हमें धोखा मिला है. इसके (आरोपी) पास हमारे 25 लाख रुपये हैं. 7 लाख मेरे पापा ने प्लॉट दिलवाया था, उसे बेच कर दिए थे."


मृतक बहनों के पिता ने क्या कहा?


इस घटना को लेकर मृतक बहनों के पिता ने कहा, "कल रात फोन पर बात हुई थी. मेरी बेटियों ने मुझे बताया था कि उनके पैसे नीरज के पास रखे हैं. इसीलिए मैं 5 नवंबर को नीरज से मिलने माउंट आबू भी गया था, लेकिन नीरज मुझे देखकर भाग गया. मेरी बेटी को इस तरह का कदम उठाने के लिए जिसने भी मजबूर किया उसे आजीवन कारावास मिले."


जब तक पहुंचा तब तक देर हो चुकी थी- भाई


मृतक बहनों के भाई सोनू सिंघल ने कहा, "उनकी बहनों ने केंद्र के व्हाट्सएप ग्रुप में अपने सुसाइड नोट का फोटो रात 10 बजे के करीब भेजा था, लेकिन मेरे पास ये फोटो 11:15 बजे के करीब आई. फोटो मिलने के तुरंत बाद मैं केंद्र की तरफ भागा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. ब्रह्मकुमारी संस्था के लोगों की भी जांच होनी चाहिए."


उन्होंने आगे कहा, "3-4 दिन पहले मैं अपनी बहनों से मिलकर आया था. उस समय वह डिप्रेशन में थी. मैने उनको उस दिन बहुत समझाया था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि वो ऐसा कदम उठाएगी. मैसेज आने के बाद जब मैं केंद्र पहुंचा तब तक वहां पुलिस पहुंच चुकी थी. मुझे पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी."


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