नई दिल्ली: भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है.रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा सचिव अजय कुमार और जापानी राजदूत सुजुकी सतोशी ने बुधवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
अधिकारी ने बताया कि इस समझौते में निकट सहयोग के लिए रूपरेखा बनाने, सूचना के आदान-प्रदान और दोनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की बात की गई है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह समझौता भारत और जापान के सशस्त्र बलों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ ही सेवाओं और आपूर्तियों के आदान-प्रदान के लिए निकट सहयोग की रूपरेखा को सक्षम बनाता है.’’
सीमा पर तनाव बरकरार
भारतीय सैनिक अब फिंगर 4 पर भी पहुंच गए हैं जहां वे चीनी सैनिकों से आई-बॉल-टू-आई-बॉल हैं यानि एकदम आमने सामने. कुछ दिन पहले ही भारतीय सेना ने कहा था कि पैंगोंगे-त्सो लेक के उत्तर में सैनिकों की तैनाती को रि-एडजस्टमेंट किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना ने पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में जिन जिन चोटियों (गुरंग हिल, मगर हिल, मुखपरी, रेचिन ला) पर अपना अधिकार जमाया है वहां-वहां अपने कैंप के चारों तरफ कटीली तार लगा दी है.
साथ ही चीनी सेना को साफ कर दिया है कि अगर किसी चीनी सैनिक ने इन कटीली तारों को पार करने या हटाने की कोशिश की तो उसका एक प्रोफेशनल आर्मी की तरह जवाब दिया जाएगा.
चीन के 50 हजार सैनिक तैनात, भारत ने भी की मिरर-डिप्लोयमेंट
एक अनुमान के मुताबिक, चीन के करीब 50 हजार सैनिक पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हैं. भारत ने भी मिरर-डिप्लोयमेंट की है यानि चीन की बराबर 50 हजार सैनिक तैनात किए हैं यहां पर. क्योंकि ब्रिगेडियर स्तर की मीटिंग में कुछ नहीं निकल रहा है इसलिए आने वाले दिनों में कोर कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है.
लेह में वायुसेना की नाइट कॉम्बेट एयर पैट्रोलिंग हो रही है. यानि दिन के साथ साथ अब रात में भी वायुसेना के फाइटर जेट्स हवाई निगरानी कर रहे हैं.
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