Parliament Session: 29 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र काफी गर्म रहने की संभावना है. इसकी एक बड़ी वजह तीन कृषि कानून निरस्त करने के सरकारिया एलान और उसको लेकर जारी घमासान से लेकर चुनावी सूबों की सियासत है. हालांकि, इस बीच सरकार ने एक बार फिर करीब दो दर्जन से ज्यादा विधेयकों को संसद की मंजूरी के लिए कामकाज के एजेंडे में रखने का फैसला किया है.


इन विधेयकों में 23 नए विधेयक हैं जबकि 3 विधेयक पहले ही पेश किए जा चुके हैं. इस कड़ी में ही सरकार कृषि कानून निरस्तीकरण विधेयक 2021 पेश करेगी, जिसके तहत पूर्व में पारित कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य( संवर्धन व सहयोग) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं सुरक्षा) मूल्य आश्वासन सहमति व कृषि सेवा कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को रद्द करने के फैसले पर कानूनी मुहर लगाई जाएगी. 


सरकार पर हमलावर विपक्ष


सरकार विरोधी किसान आंदोलन तीनों कृषि कानूनों के विरोध में ही शुरू हुए थे. कई दौर की बातचीत, मध्यस्थता और समझाइश के बावजूद जब किसान संगठन राजी नहीं हुए, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इन तीनों कानूनों को निरस्त करने को लेकर एलान कर दिया. यह बात और है कि सियासी विवाद और कानूनी लड़ाई के मद्देनजर यह कानून लागू नहीं हो पाए थे. हालांकि, सरकार की तरफ से किए गए इस एलान के बावजूद किसान संगठन असंतुष्ट हैं. वहीं, विपक्ष भी सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है. किसान संगठन एमएसपी के लिए कानूनन गारंटी की मांग कर रहे हैं और इसके ना मिलने तक आंदोलन जारी रखने की बात भी कह चुके हैं.


संसद के शीतकालीन सत्र में ही नशीली दवाओं पर नियंत्रण के लिए लागू एनडीपीएस संशोधन विधेयक 2021 को भी पेश करने का फैसला किया है. यह विधेयक सितंबर 2021 में जारी अध्यादेश की जगह लेगा. अध्यादेश मूलतः एक ड्राफ्टिंग त्रुटि को सुधारने के लाया गया था. त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने एनडीपीएस (NDPS) कानून के सेक्शन 27ए में विसंगति को चिह्नित किया था. साथ ही संकेत है कि सरकार नए संशोधन के साथ एनडीपीएस कानून में कुछ रियायतें भी जोड़ सकती है, जिनका सुझाव सामाजिक न्याय मंत्रालय की तरफ से बढ़ाया गया था. इसमें ड्रग्स के सेवन और उसकी ट्रैफिकिंग के बीच स्पष्ट अंतर रखने के साथ-साथ सजा के प्रावधानों में भी भेद का प्रस्ताव है. नशीली दवाओं का कारोबार करने वालों के लिए सजा का प्रावधान सख्त बनाया जाना है.


केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021


आगामी सत्र में भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए भी कई बिल प्रस्तावित है. इस कड़ी में जहां केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021 पेश किया जाना है. वहीं, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना संशोधन विधेयक 2021 इस बाबत बीते दिनों पेश अध्यादेश का स्थान लेने के लिए लाया जाएगा. सीबीआई को नियंत्रित करने वाले इस कानून में निदेशक के सेवा विस्तार प्रावधानों और कुछ विशेष अपराध की श्रेणी में राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में जांच के दायरे को बढ़ाया जा रहा है. इंसोल्वेंसी और बैंकरप्टसी  (दूसरा संशोधन) विधेयक 2021 के जरिए 2016 में लागू बैंकरप्सी कोड को और मजबूत बनाए जाने की योजना है.


रक्षा प्रबंधन और सुधारो की कड़ी में कंटोनमेंट बिल 2021 लाया जाना है, जिसके सहारे कंटोनमेंट बोर्ड के कामकाज को अधिक लोकतंत्रिक, आधुनिक और प्रशासनिक नजरिए से बेहतर बनाया जा सकेगा. वहीं, इंटर-सर्विस कार्यालयों में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष कमांडर या कार्यालय प्रभारी को अधिक अधिकार दिया जाना है. सरकार की तरफ से विधायी एजेंडा में नया इमीग्रेशन बिल 2021 को भी पेश करने की योजना है. यह बिल भारत से उत्प्रवास यानी देश छोड़कर जाने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाया जाएगा. इसका बड़ा फायदा उन लोगों को मिल सकेगा जो कामकाज के सिलसिले में बाहर जाना चाहते हैं. 


क्रिप्टोकरेंसी नियमन के लिए भी नया विधेयक


वित्तीय लिहाज से महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी नियमन के लिए भी नया विधेयक पेश किया जाएगा. इसके तहत रिजर्व बैंक को भारत के लिए राष्ट्रीय क्रिप्टोकरेंसी जारी करने का भी अधिकार होगा. साथ ही अन्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी मुद्राओं पर प्रतिबंध प्रस्तावित है. हालांकि, इसमें ब्लॉकचैन तकनीक के विकास के लिए कुछ अपवादों की जगह रखी गई. वहीं, बजट 2019 में की गई घोषणाओं को पूरा करते हुए पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट (संशोधन) बिल 2021 को भी सदन में रखा जाएगा. 


हालांकि, कृषि से लेकर क्रिप्टोकरेंसी तक अनेक अहम मुद्दों को समेटते इन प्रस्तावित विधेयकों में से कितनो पर संसद की मुहर लग पाएगी यह फिलहाल अनुत्तरित सवाल है, क्योंकि विपक्ष शीतकालीन सत्र को हंगामेदार बनाने के संकेत पहले ही दे चुका है. ऐसे में सरकार की कोशिश अधिक से अधिक बिल पास कराने की होगी. 


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