नई दिल्ली: लोकसभा से पास हो चुके तीनों कृषि विधेयक आज राज्यसभा में पेश किए गए. किसानों के मुद्दों को लेकर आज पूरे विपक्ष ने एकजुट होकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया. इस दौरान शिवसेना ने सदन में सरकार से पूछा कि क्या बिल मंजूर होने के बाद किसानों की आय डबल होगी और वह आत्महत्या नहीं करेंगे?


राज्यसभा में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘’आज आप जो बिल ला रहे हैं, जिसमें आपने कहा कि ये किसान के हित में है. क्या आप देश को आश्वस्त कर सकते हैं कि ये जो तीन बिल हैं ये मंज़ूर होने के बाद क्या हमारे किसानों की आय सच में डबल हो जाएगी और एक भी किसान इस देश में आत्महत्या नहीं करेगा.’’


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संजय राउत ने आगे कहा, ‘’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल के बारे में कहा कि ये किसानों के लिए नई क्रांति है. नई आज़ादी है. एमएसपी और सहकारी खरीद की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी, ये सिर्फ अफवाह है. तो क्या अकाली दल के एक मंत्री ने अफवाह पर भरोसा रखकर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.’’ लोकसभा से बिल पास होने के बाद कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.


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तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा?

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ' ब्रायन ने कहा, ‘’आपने कहा था कि किसानों की आय 2022 तक डबल हो जाएगी. पर अभी वर्तमान में जो रेट चल रहा है उसके हिसाब से किसान की आय 2028 तक डबल नहीं हो सकती. मैं भी बड़ी बातें कर सकता हूं.’’


समाजवादी पार्टी ने क्या कहा?


शिवसेना और टीएमसी के अलावा समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, ‘’क्या यह उचित नहीं होगा पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में कि देश की 7 फीसदी लोगों को रोजी-रोटी देने वाले सेक्टर के बारे में जब आप बिल लाएं तो विपक्ष के नेताओं से भी बात करें और देश के तमाम संगठनों से बात करें.’’


कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने क्या कहा?


इससे पहले कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को चर्चा एवं पारित करने के लिए सदन में पेश किया. तोमर ने कहा कि दोनों विधेयक ऐतिहासिक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.


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नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘’इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा. इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘’यह विधेयक इस बात का भी प्रावधान करते हैं कि बुआई के समय ही जो करार होगा उसमें ही कीमत का आश्वासन किसान को मिल जाए. किसान की संरक्षण हो सके और किसान की भूमि के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसका प्रावधान भी इन विधेयकों में किया गया है.’’