नई दिल्ली: कृषि से संबंधित बिल पर एनडीए में फूट पड़ गई है. लोकसभा में अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में सरकार से इस्तीफा देंगी. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं.
सुखबीर बादल ने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है.’’ निचले सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ शिरोमणि अकाली दल ने कभी भी यू-टर्न नहीं लिया.’’
बादल ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथी हैं. हमने सरकार को किसानों की भावना बता दी. हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया. हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पंजाब में लगातार सरकारों ने कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिये कठिन काम किया लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा. अकाली दल नेता ने लोकसभा में कहा, ‘‘ मैं घोषणा करता हूं कि हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी.’’
कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल भी विरोध में
लोकसभा में कांग्रेस के अलावा दूसरे विपक्षी दलों ने बिल का विरोध किया है. कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि किसानों के लिए काला कानून लाया जा रहा है. इससे किसानों को बख्श देना चाहिए.
वहीं आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोविड-19 के हालात का फायदा उठाते हए इन अध्यादेशों को लाकर कृषि क्षेत्र को बर्बाद करने का प्रयास किया है. उन्होंने अध्यादेश और संबंधित विधेयकों का विरोध करते हुए मांग की कि विधेयकों को संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए.
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