किसान की मौत, भारत बंद और किसानों संग बैठक के प्लान के बीच आया कृषि मंत्री का बयान, जानें क्या बोले अर्जुन मुंडा
Farmer Protest: अब तक किसान और केंद्रीय मंत्रियों के बीच तीन बार बैठक हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इस बीच किसानों ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे रहने का निर्णय लिया है.
Arjun Munda on Farmer Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अलग-अलग मांगों को लेकर किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की बैठक गुरुवार को हुई. पांच घंटे तक चली इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला. अब अगले दौर की बैठक रविवार (18 फरवरी) को होगी. इस बीच केंद्रीय मंत्री कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि किसी भी समाधान को बातचीत से सुलझा सकते हैं.
क्या बोले कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा?
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "हमारे देश के किसान हमारे परिवार के हैं और उनके लिए जो हो सकता है हम वो काम कर रहे हैं. हम बातचीत का दौर जारी रखेंगे, जब तक कोई समाधान न निकल जाए." कृषि मंत्री आगे बोले, "तीसरी दौर की बातचीत हुई है, हमने सब विषयों पर चर्चा की और किसानों की मांगों को सुना. हम किसान संगठन के साथ बातचीत कर रह हैं इसे राजनीतिक दृष्टि से न देखें और अगर कांग्रेस इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रही है तो वह अपना टाइम भी याद करे जब उनकी सरकार तब उन्होंने क्या किया."
अब तक सारी बैठक बेनतीजा रहा
इस बीच किसानों ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे रहने का निर्णय किया है. किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच गुरुवार रात करीब 8:45 बजे बैठक शुरू हुई और पांच घंटे तक चली. इससे पहले 8 फरवरी और 12 फरवरी को किसान और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही. गुरुवार देर रात तक चली बैठक के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था, सरकार और किसान नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई.
एक किसान की हुई मौत
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर आरोप लगाया कि सरकार मीटिंग करके यह दर्शाना चाहते हैं कि केवल पंजाब के किसान ही प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "चंडीगढ़ में कल तीसरे दौर की बैठक बेनतीजा रहा. हमारे खिलाफ ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है." वहीं शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में शामिल 63 वर्षीय एक बुजुर्ग किसान ज्ञान सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उन्होंने सुबह छाती में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें पंजाब के राजपुरा में सिविल अस्पताल ले जाया गया. वहां से उन्हें पटियाला के राजेन्द्र अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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