केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए नए कृषि कानूनों पर भारी विरोध के इतर किसान और सरकार के बीच शनिवार को पांचवीं दौर की वार्ता के दौरान प्रदर्शनकारी किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. अपनी मांगों को पूरी ना होने पर जहां एक तरफ वे अपने आंदोलन को आने वाले दिनों में और तेज करने की धमकी दे रहे हैं तो वहीं सरकार की तरफ से उन्हें घर जाने की अपील की जा रही है.
कृषि मंत्री की बुजुर्ग, बच्चों को घर जाने की अपील
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक के दौरान उनसे अपील करते हुए कहा कि वे प्रदर्शन करने आए बुजुर्गों और बच्चों को वापस घर भेज दें. उन्होंने कहा- "मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि कृप्या बुजुर्गों और बच्चों से बोलें कि वे प्रदर्शन स्थल से अपने घर जाएं."
किसान बोले- कॉर्पोरेट फार्मिंग नहीं मंजूरी
इधर, सरकार के साथ पांचवीं दौर की बातचीत के दौरान किसान संगठनों की तरफ से यह साफतौर पर कहा गया कि उन्हें नए कानून से कोई फायदा नहीं होने वाला है.
किसान नेताओं ने सरकार से आगे कहा- हमारे पास एक साल तक खाने-पीने का सामान है. पिछले कुछ दिनों से हम सड़कों पर हैं. अगर सरकार यही चाहती है कि हम सड़क पर रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं है. हम हिंसा का रास्ता अख्तियार नहीं करेंगे. इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको बताएंगे कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या कर रहे हैं.
केन्द्र के साथ विज्ञान भवन में पांचवें दौर की बैठक में शामिल होने गए किसान नेताओं ने कहा, सरकार को हमारी मांगों को बारे में फैसला करना चाहिए नहीं तो हम बैठक से बाहर चले जाएंगे. इधर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर जमा प्रदर्शनकारी किसानों का साथ देने के लिए बिलासपुर, उत्तराखंड से किसान गाजियाबाद बॉर्डर पहुंचे और उनके साथ प्रदर्शन में शामिल हुए.
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