किसान आंदोलन: कृषि मंत्री बोले- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद धरना क्यों? किसान हठ छोड़ें और चर्चा करें
किसान नेता आज बड़ी मीटिंग करने वाले हैं. दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक है. इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार होगा, साथ ही 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च का रूट प्लान भी बनाया जाएगा.
नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने आंदोलन पर बैठे किसानों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगा दी है, तब किसान धरने पर क्यों हैं? किसान आंदोलन का आज 53वां दिन है. अब से कुछ देर बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होनी है. जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं जिसके लिए मंथन होना है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''जब सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगा दी है, तब किसान धरने पर क्यों हैं? कानून रद्द करने के अलावा कोई दूसरी मांग है तो किसान बताएं, सरकार खुले मन से चर्चा करेगी. कोई भी कानून पूरे देश के लिए बनता है. अदालत ने अभी कानून के अमल पर रोक लगा रखी है, कोई बात है तो कमेटी के सामने भी रख सकते हैं.''
उन्होंने कहा, ''हमने किसान यूनियनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम मंडियों, व्यापारियों के पंजीकरण और अन्य के बारे में उनकी आशंकाओं को दूर करने पर सहमत हुए थे. सरकार भी पराली जलाने और बिजली से जुड़े कानूनों पर चर्चा करने के लिए सहमत हुई थी. लेकिन यूनियनें केवल कानूनों को निरस्त करना चाहती हैं.''
पंजाब के गुरदासपुर और मोगा में ट्रैक्टर मार्च की तैयारी चल रही है. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए ट्रैक्टर मार्च का रिहर्सल करने में जुटे हैं. इन सबके बीच किसान और सरकार के बीच दसवें राउंड की बातचीत अब 19 जनवरी को होगी. इस बातचीत से कोई हल निकलेगा, इसकी उम्मीद अब तक दोनों पक्षों के रूख को देखते हुए कम ही लगती है.
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