नई दिल्लीः कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर धान और गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आंकलन के लिए ड्रोन से तस्वीरें खींचेगा. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंत्रालय को 100 जिलों में धान और गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आकलन के लिए ड्रोन के जरिये तस्वीरें लेने की अनुमति दे दी है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को यह जानकारी दी.


फलसों पर होगी ड्रोन की नजर


कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि देश में फसल के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आंकलन का यह पहला रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी आधारित सबसे बड़ा पायलट अध्ययन है. पायलट अध्ययन में ड्रोन से खींची गई तस्वीरों के अलावा सैटेलाइट आंकड़ों, बायोफिजिकल मॉडल, स्मार्ट सैंपलिंग, कृत्रिम मेधा (एआई) का भी इस्तेमाल किया जाएगा.


DGCA ने दी कृषि मंत्रायल को मंजूरी


तोमर ने ट्वीट में लिखा, ‘‘पीएमएफबीवाई के तहत दावों के समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए डीजीसीएस ने कृषि मंत्रालय के 100 धान और गेहूं उत्पादक जिलों में ड्रोन उड़ाने की अनुमति दे दी है.’’ इससे आने वाले समय में धान और गेंहू की फसल बोने वाले किसानों को फायदा मिलने के आसार हैं.


ड्रोन से धान और गेहूं के प्रति हेक्टेयर उत्पादन का आंकलन करने से पैदावार का अनुमान पहले ही लगाया जा सकेगा. ड्रोन से ली गई तस्वीरों से फसल के बारे सटीक जानकारी एकत्र की जा सकेगी, जिससे आने वाले समय में उनकी पैदावार को बढ़ाने और किसी प्रकार के रोग से बचाने के लिए भी प्रशासन पहले ही तत्पर रहेगा. इससे किसानों को भी काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.


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