Parliament Monsoon Session: कृषि हो या कोविड सरकार सदन में चर्चा के लिए तैयार, विपक्ष के मन में स्पष्टता नहीं- नरेंद्र सिंह तोमर
Parliament Monsoon Session: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से पारदर्शी है. कृषि कानून बनाने के दौरान हमने लोकसभा और राज्यसभा में चार घंटे चर्चा की.
Parliament Monsoon Session: संसद में बने गतिरोध के लिए विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हए उस पर 'अड़ियल और अभिमानी' होने का आरोप लगाया. अब इसको लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष पर पलटवार किया और कहा कि उनके (विपक्ष) मन में मुद्दों को लेकर स्पष्टता नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चाहे कृषि का विषय हो या कोविड का सभी पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है. जो विषय उन्हें( विपक्ष) रखना है रखें. सरकार जवाब देगी. कृषि के मामले में सरकार पूरी तरह पारदर्शी है. हमने कृषि कानून बनाते समय भी लोकसभा और राज्यसभा में 4 घंटे चर्चा की.” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “उनका (विपक्ष) दृष्टिकोण क्या है और वे किस दृष्टिकोण के आधार पर आगे बढ़ना चाहते हैं इस मामले में उनके अपने मन में स्पष्टता नहीं है. हम सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं.”
बता दें कि कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बुधवार को एक बार फिर सरकार से आग्रह किया कि वह संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करे और पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराए. इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर विपक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अहंकार दिखाने का आरोप लगाया औक कहा कि संसद में पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा के तत्काल बाद किसानों और तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराई जाए.
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, डीएमके के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, आरजेडी के मनोज झा, सीपीएम के ई. करीम, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, सीपीआई के विनय विश्वम, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और लोकतांत्रिक जनता दल के एमवी श्रेयांश कुमार की ओर से यह बयान जारी किया गया है.
इस संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘विपक्षी पार्टियां इस मांग को लेकर अडिग और एकजुट हैं कि पेगासस मामले पर संसद में चर्चा हो और गृह मंत्री इसका जवाब दें क्योंकि इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा के आयाम जुड़े हैं.’’ विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि पेगासस पर चर्चा के ठीक बाद किसानों के मुद्दों और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लेकर चर्चा कराई जाए.