सीबीआई ने अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वत कांड में पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा और कुछ पूर्व वायुसेना अधिकारी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. आज अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. 3,700 करोड़ रुपये के इस घोटाले में सीबीआई ने शर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आरोप पत्र दायर किया है. शशिकांत शर्मा 2011 और 2013 के बीच रक्षा सचिव थे और उन्हें नियंत्रक और महालेखा परीक्षक नियुक्त किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने तत्कालीन वायु सेना उप प्रमुख जसबीर सिंह पनेसर (अब सेवानिवृत्त), उप मुख्य परीक्षण पायलट एस ए कुंटे, तत्कालीन विंग कमांडर थॉमस मैथ्यू और ग्रुप कैप्टन एन संतोष का भी आरोपी के तौर पर नाम लिया है. कुंटे और संतोष एयर कमोडोर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है.
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर केस की जांच सीबीआई ने साल 2016 में अपने हाथ में ली थी और सितंबर 2017 में पहली बार पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी और 11 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
यह मामला अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद के लिए कथित रिश्वतखोरी से संबंधित है. यह कंपनी समझौतों के लिए अयोग्य थी क्योंकि इसके हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना द्वारा निर्धारित 6,000-मीटर ‘ऑपरेशनल सीलिंग पैरामीटर’ को पूरा नहीं करते थे.
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री की आवाजाही के लिए नए हेलिकॉप्टर की आवश्यकता 1999 में महसूस की गई थी जब वायु सेना के सोवियत युग के एमआई8 एस के विकल्प को खोजने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया था.
सीबीआई ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी पर हेलिकॉप्टर की परिचालन सीमा को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर करने की सिफारिश किए जाने का आरोप लगाया, जिससे शर्तें अगस्ता वेस्टलैंड के अनुकूल हो गईं. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि भारतीय वायुसेना ने बदलावों का कड़ा विरोध किया था, लेकिन जब त्यागी प्रमुख बने तो उन्होंने इसकी सिफारिश की.
सीबीआई के अनुसार, यह कथित तौर पर फिनमेकेनिका और अगस्ता वेस्टलैंड के शीर्ष अधिकारियों के इशारे पर किया गया था, जिन्होंने तीन बिचौलियों- क्रिश्चियन मिशेल, गुइडो हाश्के और कार्लोस गेरोसा की सेवाएं ली थी. इन बिचौलियों ने त्यागी और उनके रिश्तेदारों राजीव, संदीप और जूली को कथित रूप से रिश्वत दी थी. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि मिशेल की फर्म ने 3,600 करोड़ रुपये के सौदे को अपने पक्ष में करने के लिए कंपनियों से लगभग 42.27 मिलियन यूरो, सौदे की राशि का लगभग सात प्रतिशत प्राप्त किया.
रिश्वत कथित तौर पर मिशेल और एक वकील, गौतम खेतान की कंपनियों के माध्यम से, कई अनुबंधों के जरिए उन्हें भेजा गया था. मामले में पहला आरोप पत्र सितंबर 2017 में पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी और अन्य के खिलाफ दायर किया गया था. इसके बाद सितंबर 2020 में मिशेल और अन्य के खिलाफ एक और आरोप पत्र दायर किया गया.
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