Delhi High Court: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी क्रिश्चियन जेम्स मिशेल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मिशेल पर आरोप है कि उसने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में बिचौलिए की भूमिका निभाई और सौदे को प्रभावित करने के लिए बड़े लेवल पर धन का लेन-देन किया. अदालत में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं, जिसके बाद कोर्ट ने फिलहाल फैसला रोक दिया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने क्रिश्चियन मिशेल की जमानत का कड़ा विरोध किया. ईडी के वकील ने दलील दी कि मिशेल ने दुबई में जो समय बिताया उसे हिरासत की अवधि में नहीं गिना जा सकता. इसके अलावा एजेंसी ने ये भी कहा कि मिशेल ब्रिटिश नागरिक है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो उसके फरार होने की आशंका बनी रहेगी. ईडी का तर्क था कि मिशेल के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उसकी रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है.
एक्सपायर पासपोर्ट के आधार पर जमानत की दलील
मिशेल के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके भागने का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि उसका पासपोर्ट पहले ही एक्सपायर हो चुका है. उन्होंने ये भी कहा कि मिशेल भारत में जांच का सामना कर रहा है और वह ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकता. वकील ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि मिशेल किसी भी तरह की कानूनी प्रक्रिया से भागने की कोशिश नहीं करेगा इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए.
अब हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार
सुनवाई पूरी होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं जो जल्द ही सुनाया जा सकता है. अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा घोटाला एक बड़ा राजनीतिक और कानूनी मुद्दा रहा है और इस मामले में होने वाले किसी भी फैसले का बड़ा असर पड़ सकता है.