अहमदाबादः रामोल पुलिस ने सोमवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेचते 4 लोगों को गिरफ्तार किया. यह सभी आरोपी एक रेमडेसिविर इंजेक्शन 40 हजार रुपये में बेचने की कोशिश में थे. पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों में से एक ने नर्सिंग स्टाफ से इंजेक्शन मंगवाए थे और अन्य आरोपियों को इंजेक्शन 26 हजार रुपये में बेचा था. वहीं, अन्य आरोपियों ने जरूरतमंद मरीज को यह इंजेक्शन बेचकर 40 हजार रुपये लिए. पुलिस ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ के पास उन लोगों की जानकारी थी जिन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत थी. यहां तक कि उसे यह भी पता था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कहां मिल सकती है.
पुलिस ने बताया कि हॉस्पिटल को जो इंजेक्शन अतिरिक्त दिए गए हैं, उन्हें वापस प्रबंधन को सौंप देना चाहिए लेकिन कुछ नर्स और स्टाफ इसे ब्लैक में बेच रहे हैं. पुलिस अब इस रैकेट में अन्य चिकित्साकर्मियों की संलिप्तता की जांच कर रही है. रामोल पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एस दवे ने कहा कि आरोपियों के पास से रेमडेसिविर के इंजेक्शन को जब्त कर लिया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि सभी आरोपी इंजेक्शन की एमआरपी से ज्यादा कीमत पर बेच रहे थे, जिसके बाद उन्हें इस मामले की जानकारी मिली. उन्होंने कहा है कि सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी ताकि आगे कोई ऐसा ना कर सके.
पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर की कार्रवाई
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो व्यक्तियों- शशांक जायसवाल और नील जायसवाल को सोमवार सुबह लगभग 3 बजे इंजेक्शन के साथ दुपहिया वाहन पर पकड़ा. उन्होंने कहा कि वे एक दवा की दुकान में काम करते थे. पूछताछ करने पर उन्होंने पुलिस को बताया कि रमोल में एक मेडिकल स्टोर के मालिक विकास अजमेरा ने उन्हें अपने दोस्त प्रवीण मनवर से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए कहा था, जो वर्तमान में अकबरनगर में रहता है.
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