नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक 34 सदस्यीय संचालन समिति (एससी- स्टीयरिंग कमिटी) का गठन किया है. इसके गठन से पहले उन्होंने कांग्रेस से जुड़े मामलों में फैसला लेने वाली सबसे बड़ी यूनिट, केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी- कांग्रेस वर्किंग कमिटी) को भंग कर दिया है. अब संचालन समिति ही पार्टी के अगले सत्र का सारा काम काज देखेगी.
सीडब्ल्यूसी के कई पूर्व सदस्य इस नयी समिति का हिस्सा हैं. वहीं अमरिंदर सिंह, विलास मुत्तेमवार, आरके धवन, शिवाजीराव देशमुख, एमवी राजशेखरन, मोहसिना किदवई जैसे कुछ स्थाई आमंत्रित सदस्यों और विशेष आमंत्रित सदस्यों के नाम इसमें से हटा दिए गए हैं. पूरे सत्र का कार्यक्रम तय करने को लेकर नवगठित संचालन समिति की आज शाम 4 बजे कांग्रेस मुख्यालय में बैठक होगी.
पांच मार्च को संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा शुरू होने वाले है. ऐसे में इस नई समिति के पूरे सेशन की शुरुआत उससे पहले होने की संभावना है. कांग्रेस के इस पूर्ण सत्र में 11 दिसंबर को हुए चुनाव में राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने को एक बार और पुख्ता किया जाएगा. इसके साथ ही संगठनात्मक चुनाव की समूची प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
क्या है संचालन समिति, कौन-कौन हैं सदस्य
संचालन समिति पूर्ण सत्र तक काम करेगी. इसके बाद नयी सीडब्ल्यूसी बनाई जाएगी. कांग्रेस के संविधान के अनुसार 25 सदस्यीय सीडब्ल्यूसी में पार्टी अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल अध्यक्ष के 12 चुने हुए और 11 नॉमिनेटेड सदस्य होते हैं. राहुल गांधी ने पार्टी संविधान के अनुच्छेद X V (v ii) (b) के हिसाब से एक संचालन समिति गठित की है.
संचालन समिति कार्यकारी समिति के स्थान पर काम करेगी. संचालन समिति में पार्टी अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हैं. संचालन समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के एंटनी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, जनार्दन द्विवेदी, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिन्दे, पी चिदंबरम, ऑस्कर फर्नांडिस, आनंद शर्मा, सीपी जोशी, बीके हरिप्रसाद, कमलनाथ, मल्लिकार्जुन खड़गे, मोतीलाल वोरा, हेमो प्रोवा सैकिया और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी शामिल हैं.
पीएल पुनिया, आरपीएन सिंह, दीपक बाबरिया, आरसी खूंटिया, केसी वेणुगोपाल और अविनाश पांडेय जैसे कुछ अन्य नेता भी नई समिति में शामिल हैं. ये सभी अलग-अलग राज्यों के लिए पार्टी प्रभारी बनाए गए हैं.