नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर आज साढ़े दस बजे सुबह सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगी. इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है और देशभर में अलर्ट है. यूपी के हर जिले में भारी पुलिस फोर्स तैनात है. केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार की मदद के लिए चार हजार अर्धसैनिक बल भेजे हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने 40 कंपनी अतिरिक्त सुरक्षा बल उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराए हैं.
बता दें कि फैसले को देखते हुए उत्तर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू कर दी गई है. लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर जैसे संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. प्रशासन के निर्देश पर कमिश्नर और डीआईजी को संवेदनशील क्षेत्रों में नाइट कैंप करने को कहा गया है. अयोध्या की तरफ जाने वाले रास्तों को सील कर दिया गया है. अयोध्या और इसके आसपास वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था ऐसी है कि परिंदा भी न पर मार सके.
फैसले को जीत-हार से न जोड़ें- प्रधानमंत्री
अयोध्या पर फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से सद्भावना की महान परंपरा को मजबूत करने की अपील की है. प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे."
इससे पहले आपको बता दें कि अयोध्या मामले में पांच जजों की पीठ फैसला सुनाएगी. पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट में 16 अक्टूबर 2019 को अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी हुई थी. 6 अगस्त से लगातार 40 दिनों तक इसपर सुनवाई हुई थी.
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