नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आगामी चुनाव को लेकर सर्वदलीय बैठक के ठीक पहले लेकिन इस बैठक से पहले ही कांग्रेस ने आयोग से एक बार फिर 2019 लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की है. समाचार एजेंसी एएनआई ने के हवाले से ये जानकारी सामने आई है. कांग्रेस ने इस साल मार्च में हुए पार्टी अधिवेशन में इसे लेकर एक रिजॉल्यूशन भी पास किया था. आपको बता दें कि चुनाव को लेकर चुनाव आयोग दिल्ली में सभी पार्टियों के साथ बैठक कर रहा है.
पार्टी ने अपने अधिवेशन के दौरान कहा था कि ईवीएम में गड़बड़ियों के लेकर एक के बाद एक मामले सामने आए हैं. साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि ईवीएम ने कई चुनावों के नतीजों को प्रभावित किया है. ऐसे में हमें अपनी पुरानी पैक्टिस बैलेट पेपर को अपनाना चाहिए. कई बड़े लोकतंत्र के द्वारा इस तरीके को अपनाकर चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता के दोबारा कायम किया जा चुका है.
हाल ही में बैलेट पेपर का मुद्दा तब ज़ोर पकड़ा जब 17 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से इस सिलसिले में मुलाकात की. विपक्षी दलों ने 2019 का लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की और साथ ही ईवीएम को लेकर उठ रहे सभी सवालों के जवाब दिए जाएं.
आपको बता दें कि कैराना-फूलपुर उपचुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी की बात सामने आई थी. हालांकि चुनाव आयोग ने ईवीएम की गड़बड़ियों के दावे को खारिज कर दिया है. आयोग का कहना है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है और वीवीपैट मतदान की सहायता से इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता और ज्यादा होती है, इससे वोट देने वाले को भी पता होता है कि उसका वोट किसे दिया गया है.
जुलाई 2017 में सर्वदलीय बैठक के दौरान चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि आने वाले सभी चुनाव वीवीपैट वाले ईवीएम से कराए जाएंगे. चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा था, ''नए ईवीएम को इस तरह डिजाइन किया गया है जिसे हैक या उससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. वीवीपैट एक विश्वसनीय तरीका है जिससे वोटर जान सकता है कि उसने किसे वोट किया है. वोटर को एक पर्ची दी जाती है और जिससे वोट वैरिफाई किया जा सकता है.