नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस पार्टी को झटका लगा है. दो सांसदों ने ममता का दामन छोड़ दिया है. विष्णुपुर से पार्टी के सांसद सौमित्र खान ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं बोलपुर से पार्टी के सांसद अनुपम हजारे ने भी पार्टी छोड़ दी है. खबरें हैं कि वह भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं.


बीजेपी के एक नेता ने दावा किया कि इस वक्त टीएमसी के 6 विधायकों से उनकी बातचीत हो रही है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि टीएमसी में जो भी विधायक और सांसद पार्टी के पूर्व नेता मुकुल रॉय के नजदीकी थे वह सब बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.


टीएमसी के अंदर राजनीतिक हलचल तब शुरू हुई है जब 10 दिन बाद ममता बनर्जी 19 जनवरी को कोलकाता में बीजेपी विरोधी एक रैली करने वाली हैं.


टीएमसी ने खान और हजरा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. दोनों सांसदों द्वारा बीजेपी में शामिल होने की बात पिछले साल मानसून सत्र से ही जारी थी क्योंकि यह साफ हो गया था कि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव में दोबारा नामांकित नहीं करेगी.


सौमित्र खान ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, 'टीएमसी अब एक पार्टी नहीं रही बल्कि वह ममता और उसके भतीजे अभिषेक की निजी कंपनी बन गई है. बंगाल में सिंडिकेट और पुलिस राज साथ-साथ चल रहा है.'


बता दें कि खान ने टीएमसी छोड़ने का निर्णय तब लिया जब बांकुरा के एसडीपीओ सुकोमल दास ने उनके खिलाफ प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में किए भ्रष्टाचार के मामले में आई शिकायतों के बाद मामला दर्ज किया. एक दिन पहले ही उनके असिस्टेंट सुशांत दास को गिरफ्तार किया गया था.