नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में शहीद हुए जाबांज संदीप जाधव महाराष्ट्र के सिल्लोड तालुका के रहने वाले थे. संदीप अपने बेटे के जन्मदिन पर घर आने वाले थे. संदीप के रिटायरमेंट मे सिर्फ डेढ साल का समय बचा था. इस गांव से शहीद होने वाले वे तीसरे जाबांज हैं. साल 2003 में माधवराव नारायण गव्हांडे, 2010 में कालूबा बनकर और अब संदीप जाधव. संदीप साल 2002 में 21 वर्ष की उम्र मे सेना में भर्ती हुए थे. और साल 2012 में मराठा बटालियन मे शामिल हुए थे.
अपने बेटे के जन्मदिन से एक दिन पहले शहीद हुए संदीप जाधव
शहीद संदीप के दो मासूम बच्चे हैं एक तीन साल की लड़की और एक दिन कम एक साल का बेटा शिवेंद्र. शिवेंद्र का कल जन्म दिन है. संदीप अपने बेटे के जन्मदिन से एक दिन पहले शहीद हो गए. परिवार और गांव के लोगो को अपने बेटे पर गर्व है. लेकिन साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा भी. पिता सर्जेराव जाधव का कहना है कि पाकिस्तान के साथ आर-पार की लडाई होनी चाहिये.
काफी मिलनसार थे शहीद सावन माने
वहीं दूसरी ओर कोल्हापुर जिले के गोगवे गांव के रहने वाले भारतीय सेना के जवान सावन माने जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गये. वे चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे. वे बहुत मिलनसार व्यक्ति थे. इनके गांव में पाकिस्तान के खिलाफ काफी गुस्सा है. लोगो ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाये और पाकिस्तानी झंडे जलाये. जाबांज माने का जन्म 23 नवंबर 1992 को हुआ था. सावन के पिता बालकू माने भी सेना से रिटायर हुए हैं. बालकू माने के दो बेटे और एक बेटी है. बड़ा लड़का सागर और छोटा बेटा सावन. सागर भी सेना में ही है. सावन की प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई गांव के स्कूल में हुई. 2008 में वे दसवी और 2010 में बारहवी पास की. 28 मार्च 2013 को वे15 मराठा बटालियन में भर्ती हुए थे.