अयोध्या मामला: RSS ने सामाजिक सौहार्द के लिए मुस्लिम समाज से मांगा सहयोग
अयोध्या मामले पर कुछ दिनों में फैसला आने वाला है. इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अंदर खाने तैयारियां तेज कर दी है. इसी कड़ी में संघ ने मुस्लिम संस्थानों से जुड़े लोगों से बैठक की और सुप्रीम कोर्ट के किसी भी फैसले की सूरत में शांति बनाए रखने की अपील की.
नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला सुना सकती है. फैसले की घड़ी नजदीक आने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अंदर खाने इसकी तैयारियां तेज कर दी है. आरएसएस ने समाज में शांति बनी रहे इसके लिए देश के प्रमुख मुस्लिम संस्थानों से जुड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों और मुस्लिम समुदाय से जुड़े प्रमुख शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस दौरान आम सहमति से यह निर्णय लिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के किसी भी निर्णय की सूरत में सामाजिक माहौल नहीं बिगड़ना चाहिए. बैठक में सभी पक्षकारों ने सहमति जताई कि कोर्ट के आदेश को सबलोग मानेंगे और समाज में सभी लोगों को जागरूक करेंगे. बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. अब केवल मंदिर और बाबरी मस्जिद के मामले में आदेश आना बाकी रह गया है. माना जा रहा है कि 12 से 15 नवंबर के बीच कभी भी निर्णय आ सकता है. राममंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर आरएसएस और बीजेपी हमेशा से मुखर रहे हैं और केंद्र समेत उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में 1992 जैसे हालात न हो जाये इसे ध्यान में रखते हुए संघ के नेता पिछले दो सप्ताह से लगातार आंतरिक स्तर पर और दूसरे तबकों में बैठक और संवाद कर रहे है. कई बड़े लोग बैठक में हुए शामिल इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई. इस बैठक में संघ की ओर से सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल और रामलाल शामिल हुए. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी, बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन, मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद, महमूद मदनी, शाहिद शिद्दकी, कमाल फ़ारूक़ी, फिल्मकार मुज़फ़्फ़र अली, जस्टिस जकाउल्लाह समेत करीब 70 से ज्यादा मुस्लिम नेता बैठक में उपस्थित थे. सूत्रों की माने तो बैठक में संघ की ओर से कहा गया कि कोर्ट का आदेश चाहे जो भी आये लेकिन किसी को कोई ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए कि जिससे समाज का माहौल खराब हो. साथ ही दोनों पक्षों को आदेश का सम्मान करना चाहिए और एक-दूसरे से साथ खड़े रहना चाहिए. मुख्तार अब्बास नकवी ने बैठक के बाद कहा बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट में बहस हो चुकी है. जल्द ही निर्णय आने वाला है इसलिए हमने मुस्लिम समाज के सभी बड़े लोगों को बुलाकर बात की. इस फैसले से न किसी की हार है और न किसी की जीत. सबलोग मिलजुल कर फ़ैसले का स्वागत करेंगे और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने नहीं देंगे.'' बैठक के बाद मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा, ''बैठक बहुत बढ़िया रही. पहली बार संघ के नेताओं ने हमारे साथ बैठक की और कहा कि कोर्ट का आदेश चाहे जो भी आये, लेकिन हमें अमन चैन और सामाजिक सौहार्द बनाये रखना है. चाहे फैसला किसी के भी पक्ष में आये लेकिन सामाजिक माहौल नहीं बिगड़ना चाहिए. ये अच्छी पहल है. हम भी मस्जिदों, इमामबाड़ा और धर्मगुरुओं के माध्यम से नीचे जमीन तक इस बात को लोगों तक पहुचायेंगे.'' वहीं, फिल्मकार मुजफ्फर अली ने कहा कि ये एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा, ''मैं इस बैठक से संतुष्ट हूं. संघ के लोगों ने हमें विश्वास दिलाया है कि समाज में महौल नहीं बिगड़ने दिया जाएगा. यह भी पढ़ें-
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