एक्सप्लोरर

कांग्रेस के लिए संकटमोचक थे अहमद पटेल, दशकों तक पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में रहा अहम किरदार

कांग्रेस के 2014 में सत्ता से बाहर होने के बाद जब उसके लिए मुश्किल दौर शुरू हुआ तो भी अहमद पटेल पूरी मजबूती से पार्टी के साथ खड़े रहे और रणनीतिकार की अपनी भूमिका को बनाए रखा.

नई दिल्ली: आपातकाल के बाद हुए 1977 के लोकसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस विरोधी माहौल अपने चरम पर था, लेकिन गुजरात के भरूच से 28 साल के एक नौजवान ने इस माहौल को मात देते हुए जीत दर्ज की. अहमद पटेल नामक यही नौजवान बाद में दशकों तक कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में एक अहम किरदार रहा. मृदुभाषी, सरल स्वभाव, मिलनसार, वफादार, मददगार और बेहतरीन रणनीतिकार, पटेल के लिए ऐसी कई उपमाओं का उपयोग कांग्रेस के अधिकतर नेता और उनके करीबी करते हैं. अहमद पटेल का बुधवार को 71 साल की उम्र में निधन हो गया. वह अपने जीवन के आखिरी समय तक कांग्रेस की कश्ती के खेवनहार बने रहे.

कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल का कहना है, 'पटेल के जाने से कांग्रेस ने तूफान में नाव पार लगाने वाला एक मांझी खो दिया है. यही नहीं, राजनीति ने भला इंसान खो दिया. गुजरात ने गुजरातियों के लिए मर-मिटनेवाला सपूत खो दिया.' पांच बार राज्यसभा और तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे पटेल का जन्म 21 अगस्त, 1949 को गुजरात के भरूच में मोहम्मद इसहाकजी पटेल और हव्वाबेन पटेल के घर हुआ था. अहमद पटेल के पिता भी कांग्रेस में थे और एक समय भरूच तालुका पंचायत सदस्य थे. अहमद पटेल को राजनीतिक करियर बनाने में पिता से बहुत मदद मिली. हालांकि अहमद पटले के दोनों बच्चे फैजल और मुमताज राजनीति से दूर हैं.

लोकसभा चुनाव में जीत

कांग्रेस और सियासी गलियारे में 'अहमद भाई' के नाम से पुकारे जाने वाले पटेल ने 1976 में गुजरात से भरूच में स्थानीय निकाय में किस्मत आजमाने के साथ ही राजनीतिक पारी की शुरुआत की. फिर आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जब इंदिरा गांधी की अगुवाई में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा तो पटेल 28 साल की उम्र में भरूच से पहली बार लोकसभा पहुंचे. इसके बाद वह इस सीट से 1980 और 1984 में भी निर्वाचित हुए.

1993 में राज्यसभा पहुंचे

अपनी राष्ट्रीय राजनीति के शुरुआती दिनों में ही वह इंदिरा गांधी के करीबी बन गए. बाद में वह राजीव गांधी के बेहद करीबी और खास रहे. पटेल को 1980 के दशक में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया. वह राजीव गांधी के संसदीय सचिव भी रहे. पटेल 1989 में लोकसभा चुनाव हार गए और फिर 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्हें राजनीतिक जीवन में कठिन समय का सामना करना पड़ा. हालांकि 1993 में वह राज्यसभा में पहली बार पहुंचे और इसके बाद लगातार ऊपरी सदन के सदस्य बने रहे.

सोनिया गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद पटेल का सियासी ग्राफ एक बार फिर बढ़ा और पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल हो गए. फिर वह सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव बने. कहा जाता है कि सोनिया गांधी और कांग्रेस के फैसलों में उनकी स्पष्ट छाप होती थी.

संगठन को दी तवज्जो

साल 2004 में मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए सरकार बनने के बाद पटेल के कद और भूमिका में और भी इजाफा हो गया. उस वक्त उन्हें कांग्रेस संगठन, सहयोगी दलों और सरकार के बीच सेतु का काम करने वाला नेता माना जाता था. कहा जाता है कि पटेल ने अपने राजनीतिक जीवन में कई मौकों पर सरकार का हिस्सा बनने की पेशकशों को ठुकराया और कांग्रेस संगठन के लिए काम करने को तवज्जो दी.

गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल कहते हैं, 'पटेल जी निस्वार्थ भाव से राजनीति करते थे और यही वजह थी कि उन्होंने कभी सरकार में कोई पद नहीं लिया. युवाओं को उनसे यही सीख मिलती है. उनका सपना था कि गुजरात में कांग्रेस की फिर से सरकार बने. हम उनका सपना पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे.'

संकटमोचक की भूमिका

कांग्रेस के 2014 में सत्ता से बाहर होने के बाद जब उसके लिए मुश्किल दौर शुरू हुआ तो भी पटेल पूरी मजबूती से पार्टी के साथ खड़े रहे और रणनीतिकार की अपनी भूमिका को बनाए रखा. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस फिर हारी तब भी उन्होंने अपनी भूमिका को निभाना जारी रखा. वह 2018 में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष बने थे और आखिरी समय तक इस भूमिका में रहे.

अपनी पार्टी के लिए कई मौकों पर संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले पटेल मीडिया की चकाचौंध से दूर रहे. 2017 के गुजरात के राज्यसभा चुनाव, फिर विधानसभा चुनाव और हालिया सचिन पायलट प्रकरण और 23 नेताओं के पत्र से जुड़े विवाद के समय और कई अन्य अवसरों पर भी पटेल ने खुद के बेहतरीन रणनीतिकार होने और संकटमोचक की भूमिका का बखूबी परिचय दिया.

यह भी पढ़ें: गुजरात का वो राज्यसभा चुनाव, जब बीजेपी के चाणक्य को अहमद पटेल ने दी थी शिकस्त कांग्रेस में शोक की लहर, राहुल बोले- पार्टी के स्तंभ थे अहमद पटेल

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

लेबनान ब्लास्ट में बड़ा खुलासा आया सामने, वॉकी टॉकी में लगाया गया था ये खतरनाक बारूद
लेबनान ब्लास्ट में बड़ा खुलासा आया सामने, वॉकी टॉकी में लगाया गया था ये खतरनाक बारूद
Diwali Flight Bookings: आसमान छूने लगे फ्लाइट के टिकट, बुकिंग में दोगुना उछाल, कैसे मना पाएंगे अपनों के साथ दीवाली 
आसमान छूने लगे फ्लाइट के टिकट, बुकिंग में दोगुना उछाल, कैसे मना पाएंगे अपनों के साथ दीवाली 
तिरुपति मंदिर में लड्डू का प्रसाद तो वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कैसा है भोग, पढ़ें डिटेल
तिरुपति मंदिर में लड्डू का प्रसाद तो वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कैसा है भोग, पढ़ें डिटेल
IND vs BAN: बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है चेपॉक का विकेट! दूसरे दिन बन गया खास रिकॉर्ड
बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है चेपॉक का विकेट! दूसरे दिन बन गया खास रिकॉर्ड
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

IPO ALERT: Avi Ansh IPO में निवेश करें या नहीं? क्या है सही फैसला! | Paisa LiveUP Politics: उपचुनाव से पहले Akhilesh Yadav और CM Yogi के बयान से गरमाई सियासत | ABP News | BreakingHaryana Election 2024: CM वाली रेस...कांग्रेस में नया क्लेश ! | ABP News | Congress | Selja KumariSandeep Chaudhary ने प्रसाद में चर्बी की मिलावट होने पर उठाए बड़े सवाल | ABP News | Tirupati Temple

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
लेबनान ब्लास्ट में बड़ा खुलासा आया सामने, वॉकी टॉकी में लगाया गया था ये खतरनाक बारूद
लेबनान ब्लास्ट में बड़ा खुलासा आया सामने, वॉकी टॉकी में लगाया गया था ये खतरनाक बारूद
Diwali Flight Bookings: आसमान छूने लगे फ्लाइट के टिकट, बुकिंग में दोगुना उछाल, कैसे मना पाएंगे अपनों के साथ दीवाली 
आसमान छूने लगे फ्लाइट के टिकट, बुकिंग में दोगुना उछाल, कैसे मना पाएंगे अपनों के साथ दीवाली 
तिरुपति मंदिर में लड्डू का प्रसाद तो वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कैसा है भोग, पढ़ें डिटेल
तिरुपति मंदिर में लड्डू का प्रसाद तो वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कैसा है भोग, पढ़ें डिटेल
IND vs BAN: बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है चेपॉक का विकेट! दूसरे दिन बन गया खास रिकॉर्ड
बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह साबित हो रहा है चेपॉक का विकेट! दूसरे दिन बन गया खास रिकॉर्ड
कोई जज विवादित टिप्पणी कर दे तो क्या उनके खिलाफ भी दर्ज हो सकता है केस? जानें क्या है कानून
कोई जज विवादित टिप्पणी कर दे तो क्या उनके खिलाफ भी दर्ज हो सकता है केस? जानें क्या है कानून
ग्रे से लेकर स्लीप डिवोर्स तक, ऐसे तलाकों के बारे में नहीं जानते होंगे
ग्रे से लेकर स्लीप डिवोर्स तक, ऐसे तलाकों के बारे में नहीं जानते होंगे
करीना कपूर ने एक्स शाहिद कपूर को दिया सक्सेसफुल फिल्मों का क्रेडिट, दूसरे को-एक्टर्स को भी सराहा
करीना कपूर ने एक्स शाहिद कपूर को दिया सक्सेसफुल फिल्मों का क्रेडिट
'कांग्रेस को होगा नुकसान', कुमारी सैलजा का जिक्र कर ऐसा क्यों बोले चंद्रशेखर आजाद?
चंद्रशेखर आजाद का बड़ा दावा, 'कुमारी सैलजा का कांग्रेस में अपमान, चुनाव में होगा नुकसान'
Embed widget