Yogi Adityanath Attacks Samajwadi Party: गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में साल 2008 में हुए सीरियल बम धमाके (Serial Bomb Blast) मामले में अदालत ने शुक्रवार को दोषियों की सजा का एलान कर दिया. विशेष न्यायधीष एआर पटेल की अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सजा का एलान होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को निशाने पर लिया है.
योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गुजरात के सीरियल ब्लास्ट मामले में न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाया है, इसमें मृत्यु दंड प्राप्त करने वाले एक आतंकी का संबंध दुर्भाग्य से आजमगढ़ से है और उसके परिवार का संबंध सपा से है. इससे अनुमान लगा सकते हैं कि सपा के मंसूबे क्या हैं.
पहली बार इतने दोषियों को एक बार में मौत की सजा
यह पहली बार है, जब इतने दोषियों को किसी अदालत ने एक बार में मौत की सजा सुनाई है. जनवरी 1998 में तमिलनाडु की एक टाडा अदालत ने 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सभी 26 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. न्यायाधीश ए आर पटेल ने धमाकों के करीब 14 साल बाद मामले में सजा सुनायी है. अदालत ने आठ फरवरी को मामले में 49 लोगों को दोषी ठहराया था और 28 अन्य को बरी कर दिया था.
गौरतलब है कि शहर में 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट के भीतर एक के बाद एक करके 21 धमाके हुए थे. लोक अभियोजक अमित पटेल ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने 7,000 से अधिक पन्नों के फैसले में मामले को दुर्लभ से दुर्लभतम बताया और 38 दोषियों को फांसी, जबकि 11 अन्य को मौत होने तक उम्रकैद की सजा सुनायी.
अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत 38 को मौत की सजा सुनायी, जबकि 11 अन्य को आपराधिक साजिश और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत मौत होने तक उम्रकैद की सजा सुनायी.
अदालत ने 48 दोषियों में से प्रत्येक पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और एक अन्य पर 2.88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. न्यायाधीश ए आर पटेल ने धमाकों में मारे गए लोगों को एक-एक लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये तथा मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया.
जिन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई उनमें मध्य प्रदेश के निवासी सफदर नागौरी और कमरुद्दीन नागौरी, गुजरात के कयुमुद्दीन कपाड़िया, जाहिद शेख, और शम्शुद्दीन शेख शामिल हैं. सफदर नागौरी और जाहिद शेख दोनों पर विस्फोटक जुटाने और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की अवैध गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया था, कपाड़िया ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके मोबाइल सिम कार्ड हासिल किए थे और फर्जी पहचान का उपयोग करके होटलों में रुका था.
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