रेलवे ट्रैक पर हाथियों का झुंड, AI कैमरे से टला बड़ा हादसा, वन्य जीवों के लिए तकनीक बनी सहायक
Rourkela: राउरकेला के बंदहामुंडा-बर्सुआ रेलवे ट्रैक पर 28 हाथियों का झुंड दिखने से बड़ा हादसा टल गया. AI आधारित थर्मल कैमरे की मदद से हाथियों की पहचान के बाद ट्रेन को सुरक्षित रूप से रोका गया.

AI Technology: रविवार (8 दिसंबर) को राउरकेला के बंडामुंडा-बर्सुआ रेलवे ट्रैक पर एक बड़ा हादसा होने से बच गया जब एक झुंड के 28 हाथियों को ट्रैक पर देखा गया. इनमें छोटे-छोटे हाथी भी शामिल थे. ये घटना उस समय हुई जब रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ियां नियमित रूप से चलती हैं. हालांकि इस गंभीर स्थिति में तकनीकी मदद ने समय पर कार्रवाई करते हुए एक बड़े हादसे को टाल दिया.
यह चमत्कारी मदद एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित थर्मल कैमरे से मिली जो जंगल के आसपास की गतिविधियों पर निगरानी रखता है. शनिवार (7 दिसंबर) रात करीब 7 बजे इस कैमरे ने हाथियों के झुंड की तस्वीर ली और उसकी स्थिति का पता किया. इस जानकारी के तुरंत बाद वन अधिकारियों ने रेलवे के साथ संपर्क किया और ट्रैन को आधे घंटे के लिए रोकने का फैसला लिया. राउरकेला के विभागीय वन अधिकारी जसूबंत सेठी ने कहा "यह सुनिश्चित करने के लिए हम रेलवे के साथ समन्वय में थे कि हाथी ट्रैक से पहले ही गुजर जाएं और ट्रेन के आगमन से पहले वे सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं."
जंगल की निगरानी के लिए लगाया गया AI कैमरा
मुख्य वन संरक्षक (वाइल्डलाइफ) प्रेम कुमार झा ने बताया कि हाथियों के इस अप्रत्याशित रास्ते पर पहुंचने का समय पर पता चलने के कारण बड़ा खतरा होने से टल गया. झा ने ये भी कहा कि उन्होंने 12 फीट ऊंचे टॉवर पर एक उच्च-रिजॉल्यूशन वाले AI कैमरे को स्थापित किया है जो जंगल की निगरानी के लिए काफी इफेक्टिव है. पहले इस तरह के कैमरे की स्थापना ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में की गई थी जिससे कई शिकारी पकड़े गए थे. अब इस तकनीकी प्रणाली को राज्य के बाकी हिस्सों में भी स्थापित किया जाएगा.
तकनीकी उपायों से की जाएगी वन्यजीवों की सुरक्षा
AI आधारित थर्मल कैमरों की मदद से न केवल हाथियों जैसी बड़ी घटनाओं को रोका जा सकता है बल्कि वन्यजीवों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकता है. इस तकनीकी उपाय के परिणामस्वरूप वन विभाग अब और भी ज्यादा एक्टिव हो गया है और आने वाले दिनों में ऐसे कैमरों को अन्य क्षेत्रों में भी स्थापित किया जाएगा ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा बेहतर तरीके से की जा सके.
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