नई दिल्ली/चेन्नई: तमिलनाडु में मुख्यमंत्री शशिकला बनेंगी या फिर पन्नीरसेल्वम ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे ? अभी भी ये सवाल बना हुआ है. राज्यपाल ने दोनों नेताओं से मुलाकात की है और रिपोर्ट केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भेज दी है. मतलब तमिलनाडु का फैसला अब दिल्ली में होगा.
तमिलनाडु की सरकार का क्या होगा?
तमिलनाडु में बड़े राजनीतिक संकट के बीच आज ये सवाल गूंज रहे हैं. लड़ाई जयललिता की विरासत को लेकर है और इसमें शशिकला और पन्नीरसेल्वम आमने सामने है. गुरुवार को राज्यपाल विद्यासागर राव जब चेन्नई पहुंचे तो एक बार फिर हलचल तेज हो गई. पहले पन्नीरसेल्वम राज्यपाल से मिले उसके बाद शशिकला ने मुलाकात की.
राज्यपाल के सामने दोनों नेताओं ने दी दलीलें-
पन्नीरसेल्वम- मुझसे जबरन इस्तीफा लिया गया, मैं इस्तीफा वापस लेना चाहता हूं.
शशिकला- पन्नीरसेल्वम पर कोई दबाव नहीं बनाया गया, मुझे सरकार बनाने का मौका मिले.
पन्नीरसेल्वम ने ये भी कहा कि शशिकला को सीएम नहीं बनाया जाए, उन्होंने विधायकों को बंधक बनाकर रखा है. वहीं, शशिकला ने कहा कि मेरे साथ पार्टी है. मुझे 129 विधायकों का समर्थन है.
मुझे भरोसा है सच की जीत होगी- पन्नीरसेल्वम
ओ पन्नीरसेल्वम ने मीडिया से कहा है, ‘’मैंने राज्यपाल को राजनीतिक हालात के बारे में बताया है और मुझे भरोसा है कि सच की जीत होगी.’’
सीएम की कुर्सी के लिए छिड़ी इस जंग में शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच खुद को जयललिता का असली वारिस बताने की होड़ मची हुई है. मंगलवार को बगावत का एलान करने से पहले पन्नीरसेल्वम की समाधि पर गए थे. अब बारी शशिकला की थी. शशिकला भी अपने समर्थकों के साथ जयललिता की समाधी पर पहुंचीं.
विधायकों के फोन और टीवी देखने पर रोक-सूत्र
पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद शशिकला ने विधायकों को बस में भरकर किसी गुप्त स्थान पर भेज रखा है. एबीपी न्यूज को सूत्रों से जानकारी मिली है कि विधायकों को न तो मोबाइल के इस्तेमाल की इजाजत है और न ही टीवी देखने की. ये भी पता चला है कि इसका बीस विधायकों ने विरोध भी किया और खाना नहीं खाया. अब गेंद राज्यपाल के पाले में है. अभी राज्यपाल ने फैसला नहीं किया है.