चेन्नई: तमिलनाडु में नाटकीय अंदाज़ से सत्ता हस्तांतरण का खेल AIADMK की महासचिव वीके शशिकला नटराजन के खिलाफ हो जाता रहा है. सीएम पद से इस्तीफा दे चुके पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद तमिलनाडु की राजनीति में तूफान आ गया है. विधायक दल की नई नेता चुनी गई शशिकला की ताजपोशी की राह अब में अड़टनें ही अड़चनें खड़ी हो गई हैं.


अब सवाल है कि पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद आगे क्या होगा? फिलहाल तमिलनाडु में राजनीति गर्म और अस्थिरता का माहौल है. शशिकला के करीबी बगावत के पीछे डीएमके को मान रहे हैं, वहीं कांग्रेस मोदी सरकार पर सवाल उठा रही है.


आपको बता दें कि रविवार को पन्नीरसेल्वम ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी और उसी दिन विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से शशिकला को विधायक दल का नेता चुना गया. खुद पन्नीरसेल्वम ने सीएम पद के लिए शशिकला के नाम की पेशकश की थी.


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बगावत के लिए DMK जिम्मेदार - AIADMK


पन्नीरसेल्वम और शशिकला की इस लड़ाई को लेकर चेन्नई से दिल्ली तक राजनीति गर्म है. पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद शशिकला के खेमे ने कहा कि इस बगावत के पीछे करुणानिधि की पार्टी डीएमके है.


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कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप


थंम्बीदुरई ने बगावत के पीछे सिर्फ डीएमके का नाम लिया, बीजेपी का नहीं. लेकिन कांग्रेस ने इसके लिए बीजेपी पर हमला बोला. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘’राज्यपाल शपथग्रहण नहीं होने दे रहे हैं इस बीच उन्होंने बगावत कर दी है. जिनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी जा रही है. क्या पीएम मोदी एक और चुनी हुई सरकार गिराना चाहते हैं?’’


टूट के पीछे जो भी है, कार्रवाई होनी चाहिए- एमके स्टालिन


इस बीच करुणानिधि की पार्टी डीएमके पन्नीरसेल्वम के साथ खड़ी है. डीएमके के बड़े नेता और करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन ने कहा, ‘’जिस व्यक्ति को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, उसे इस्तीफा देने के लिए धमकाया गया. जिसने भी ये किया उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.’’


पन्नीरसेल्वम के प्रति डीएमके के इस प्रेम को समझने के लिए कुछ आंकड़ों को समझना जरूरी है. पन्नीरसेल्वम का गुट पचास विधायकों के साथ होने का दावा कर रहा है.


तमिलनाडु विधानसभा की मौजूदा स्थिति-


अगर तमिलनाडु विधानसभा की मौजूदा स्थिति पर गौर करें तो तमिलनाडु विधानसभा में कुल 235 सीट हैं. इनमें जयललिता की पार्टी AIADMK के पास135, करुणानिधि की पार्टी डीएमके के पास 89 सीटें हैं और बाकी की सीटें कांग्रेस समेत अन्य दलों के पास हैं.


पन्नीरसेल्वम गुट के साथ 50 विधायक?


अब सवाल ये है कि कहीं डीएमके की नजर सरकार बनाने पर तो नहीं है, क्योंकि अगर पन्नीरसेल्वम गुट का 50 विधायकों के समर्थन का दावा सही है तो फिर डीएमके के समर्थन से बात बन सकती है क्योंकि पन्नीर सेल्वम की 50 और डीएमके की 89 सीटों को जोड़ने से कुल 139 सीटें हो जाती हैं यानी बहुमत हो जाता है.


अब राजनीति के इस खेल में क्या खिचड़ी पक रही है ये कहना अभी मुश्किल है,  हालांकि जो शशिकला के साथ हैं उनका दावा है कि सभी विधायक शशिकला के साथ हैं.