NEET Result Protest: NEET रिजल्ट को लेकर बंगाल में बवाल, AIDSO का कोलकाता में प्रदर्शन, सरकार ने कहा- नहीं हुआ पेपर लीक
NEET-UG Exam: नीट एग्जाम के रिजल्ट का ऐलान 4 जून को किया गया था. रिजल्ट सामने आने के बाद से ही पेपर लीक के आरोप लगना शुरू हुए. अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है.
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NEET-UG Exam Protest: मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम नीट में धांधली और पेपर लीक का आरोप लगा है. इसे लेकर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन(AIDSO) के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में विकास भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया है. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है. इस बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि नीट एग्जाम में पेपर लीक को लेकर उसे कोई सबूत नहीं मिला है.
नीट एग्जाम के कथित पेपर लीक को लेकर विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बकायदा इसे लेकर प्रदर्शन भी किया है. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया है, जहां अदालत ने फिलहाल पेपर रद्द करने इनकार किया है. नीट एग्जाम का आयोजन 5 मई को हुआ था और नतीजों का ऐलान 4 जून को किया गया. इसेक बाद से ही रिजल्ट को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए हैं. छात्रों का कहना है कि एक ही सेंटर के कई छात्रों के एक समान नंबर आए हैं.
Protest at Higher Education Dept. , West Bengal for proper enquiry of #NEET Scam and punishment of the culprits. Police brutally arrested 64 students.#NEETScam #NEETUG24Controversy@MoHFW_INDIA @NTA_Exams @Xpress_edex @DrMridulSarkar @AIDSO_SOURAV pic.twitter.com/MEoBkK0S5W
— AIDSO All India Committee (@AIDSO_AIC) June 13, 2024
पेपर लीक के नहीं हैं कोई सबूत: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार (13 जून) को कहा कि नीट-यूजी में क्वेश्चन पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं. यह बहुत ही प्रामाणिक संस्था है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई कर रहा है और हम उसके फैसले का पालन करेंगे. हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी छात्र को नुकसान नहीं उठाना पड़े. नीट यूजी पेपर लीक का मुद्दा जबरदस्त तरीके से गरमाया हुआ है.
ग्रेस मार्क्स का फैसला रद्द, छात्रों को मिला दोबारा पेपर देने का मौका
वहीं, केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नीट-यूजी के 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क दिए गए गए थे. अब इस फैसले को निरस्त कर दिया गया है. इन छात्रों के पास 23 जून को फिर से एग्जाम देने का ऑप्शन है. उनके पास ग्रेस मार्क छोड़कर नई रैंक हासिल करने का भी विकल्प है. सराकर ने कहा कि अगर इन 1,563 छात्रों में से कोई परीक्षार्थी दोबारा एग्जाम नहीं देना चाहता तो रिजल्ट में उसके मूल अंकों को शामिल किया जाएगा जिसमें ग्रेस मार्क्स जुड़े नहीं होंगे.
क्यों ग्रेस मार्क्स का किया गया था प्रावधान?
सूत्रों ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय ने एक एंपावर्ड कमेटी बनाई थी, जिसकी जांच के आधार पर 1563 बच्चों के लिए ग्रेस मार्क का प्रावधान किया गया था. उन बच्चों के लिए रिटेस्ट का भी प्रावधान था. अब जो बच्चे दोबारा से परीक्षा में शामिल होंगे, उनके नए मार्क्स के आधार पर कॉलेज अलॉट किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक 1563 बच्चों का समय का नुकसान हुआ था. उसे ध्यान में रखते हुए ही ग्रेस मार्क दिया गया था.
दरअसल, इस बार नीट एग्जाम में औसतन ज्यादा बच्चे सफल हुए हैं. सरकार ने कहा है कि गड़बड़ी की जो बातें सामने आई हैं, उन्हें भी ठीक किया जाएगा. सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे ग्रामीण परिवेश से आएं. सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी मौका मिले. सूत्रों ने बताया कि सरकार चाहती है कि स्टेट बोर्ड के बच्चे भी नीट एग्जाम में पास हों.
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