Covid Booster Shot: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में बूस्टर डोज की जरूरत है या नहीं, इसको लेकर फिलहाल हमारे पास पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है. एनडीटीवी से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही. दरअसल, बूस्टर डोज वैक्सीन की तीसरी डोज है, जो वायरस से सुरक्षा प्रदान करती है. गौरतलब है कि भारत में ज्यादातर वैक्सीन के दो डोज लगाए जा रहे हैं.
डॉ रणदीप गुलेलिया ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अभी हमारे पास यह कहने के लिए पर्याप्त डेटा है कि बूस्टर शॉट की जरूरत है. उम्रदराज और हाई रिस्क ग्रुप को लेकर भी हमारे पास पर्याप्त डेटा नहीं है.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले साल तक हमारे पास डेटा उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर हमें ये देख रहे हैं कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है, उन्हें गंभीर बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा मिलती है. हॉस्टिपल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं देख रहे हैं. भारत में भी ऐसा है.
इजराइल ने बूस्टर डोज देने का फैसला किया
बता दें कि इजराइल ने कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के मामले बढ़ने के कारण 40 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक उपलब्ध कराने का फैसला किया है. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि यदि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से मंजूरी मिल जाती है, तो सितंबर के पहले सप्ताह से कोराना वायरस रोधी टीके की बूस्टर खुराक दी जाएगी.
अमेरिका की हो रही है आलोचना
यहां इस बात का भी जिक्र जरूरी है कि इस बात को लेकर अमेरिका की आलोचना हो रही है कि वह अपने देशवासियों को कोविड-19 टीके की बूस्टर खुराक दे रहा है, जबकि दुनिया के कई देशों में लोगों को पहली खुराक ही उपलब्ध नहीं हो पाई है. बाइडन ने इस आलोचना को तवज्जो नहीं दी.
भारत में कोरोना की स्थिति
देश में कोविड-19 के 34,457 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर शनिवार को 3,23,93,286 हो गई। वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,61,340 हो गयी जो 151 दिनों में सबसे कम है. देश में लगातार 55 दिनों से कोविड-19 के 50,000 से कम मामले सामने आ रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अपडेट आंकड़ों के अनुसार, 375 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 4,33,964 पर पहुंच गयी. मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,61,340 हो गयी जो 151 दिनों में सबसे कम है और संक्रमण के कुल मामलों का 1.12 फीसदी है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है. वहीं स्वस्थ होने की दर 97.54 फीसदी है, जो कि पिछले साल मार्च से सबसे ज्यादा है.