नई दिल्लीः कोरोना संकट से निपटने के लिए दुनिया के तमाम देश लगे हुए हैं. वायरस पर काबू पाने को लेकर दुनिया में तमाम देश अनुसंधान करने में जुटे हुए हैं. डॉक्टरों की टीम लगातर इसका इलाज के लिए अध्ययन कर रहे हैं. अभी तक जो अध्ययन सामने आए हैं उसके मुताबिक कोरोना वायरस खांसी जुकाम के लक्षणों के साथ फेफड़े और श्वसन तंत्र पर हमला करता है. नए अध्ययन में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.


रिपोर्ट के मुताबकि कोरोना के हर पांच में से एक मामले दिल को भी नुकसान पहुंचा रहा है. इस बात की जानकारी एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने दी. एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाल के अध्ययन से पता चला है कि कोरोना वायरस दिल को भी नुकसान पहुंचा रहा है.


निजी चैनल से बात करते हुए एम्स के डायरेक्टर ने बताया कि कई देशों से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे वायरस के अलग-अलग प्रभाव के बारे में पता चल रह है.


उन्होंने बताया कि आम मरीजों में पहले ये निमोनिया जैसी हरकत करता है. खांसी-जुकाम के लक्षणों के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी होती है. हालांकि 30 प्रतिशत मरीजों में मायोकार्डिटिस के लक्षण भी दिखाई देती है.


इस लक्षण के कारण हार्ट की मांसपेशि‍यों और उसके सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है. इस कारण हृदय गति पर असर छोड़ता है. इस कारण हर्ट की पंपिंग कम हो जाती है. पंपिंग कम होने के कारण कई मामलों में मरीज की अचानक मौत हो जाती है.


डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि जिन मरीजों में ये लक्षण आ रहे हैं उनके लिए हार्ट मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि नये अध्ययनों में कोरोना वायरस के कारण शररी के कई अंगों पर चौंकाने वाले प्रभाव सामने आ रहे हैं.


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