क्या कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को है बड़ा खतरा? जानें AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने क्या कहा है
रणदीप गुलेरिया ने स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी जो बच्चे वायरस से संक्रमित हुए हैं वो या तो बेहद कम बीमार हुए या वो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे थे.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की तीसरी लहर क्या बच्चों पर ज्यादा असर करेगी? इसको लेकर इस वक्त हर कोई चर्चा कर रहा है. इस बीच दिल्ली के एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने साफ कर दिया है कि वैश्विक या भारतीय स्तर पर बच्चों को लेकर ऐसा कोई डेटा नहीं है कि तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा होगा.
रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी जो बच्चे वायरस से संक्रमित हुए हैं वो या तो बेहद कम बीमार हुए या वो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आने वाले दिनों में बच्चे कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित होंगे.
संक्रमण के नए मामलों में आ रही तेज़ी से गिरावट
केंद्र सरकार ने कहा कि देश में रोजाना कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है. हालांकि सरकार ने जोर दिया कि कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और लहर को आने से रोका जा सके. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सात मई को चरम स्तर पर पहुंचने के बाद से दैनिक नए मामलों में करीब 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर पर कहा कि दैनिक नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना वायरस के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं जो दुनिया में सबसे कम है. भविष्य में कोरोना की किसी और लहर को रोकने के लिए सरकार ने आबादी का टीकाकरण होने तक कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि 3 मई को देश में रिकवरी रेट 81.8 फीसदी था, अब रिकवरी रेट 94.3 फीसदी हो गया है. पिछले 24 घंटों में देश में 1,82,000 रिकवरी हुई हैं. हर राज्य में अब रिकवरी की संख्या प्रतिदिन दर्ज़ किए जा रहे मामलों की संख्या से ज्यादा है.
लव अग्रवाल ने कहा कि जहां 7 मई को देश में प्रतिदिन के हिसाब से 4,14,000 मामले दर्ज किए गए थे, वे अब 1 लाख से भी कम हो गए हैं. पिछले 24 घंटों में 86,498 मामले देश में दर्ज़ किए गए. यह 3 अप्रैल के बाद अब तक एक दिन के सबसे कम मामले हैं. उन्होंने बताया कि 4 मई को देश में 531 ऐसे ज़िले थे, जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज़ किए जा रहे थे, ऐसे ज़िले अब 209 रह गए हैं.
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