AIIMS: मेडिकल स्टूडेंट की मौत पर छात्रों ने जमकर किया हंगामा, एम्स प्रशासन पर लगाया ये गंभीर आरोप
AIIMS News: मेडिकल छात्र अमित मालवीय की मृत्यु के बाद सैकड़ों मेडिकल स्टूडेंट्स ने एम्स डायरेक्टर के ऑफिस पहुंच जमकर हंगामा काटा और एम्स प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
AIIMS Medical Student Death Row: राजधानी दिल्ली (Delhi) के एम्स (AIIMS) अस्पताल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे सैकड़ों छात्रों ने आज एम्स प्रशासन (AIIMS Administration) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के पीछे की वजह उनके एक साथी छात्र की मौत (Student Death) बताई जा रही है. मेडिकल स्टूडेंट्स (Medical Students) का कहना है कि उनके साथी की मौत के लिए एम्स प्रशासन दोषी है.
जिसके विरोध में छात्रों ने खूब हंगामा किया और इंसाफ की मांग की. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि अगर एम्स प्रशासन छात्रों को हॉस्टल (Hostal) उपलब्ध करा देता तो यह घटना ना होती. हंगामा बढ़ता देख सुरक्षकर्मियों द्वारा सभी को शांत करने की विफल कोशिश के बाद अधिकारी सामने आये जिसके बाद छात्रों से लगातार बातचीत चल रही है.
मेडिकल स्टूडेंट्स ने एम्स प्रशसान पर लगाया ये आरोप
मेडिकल छात्र अमित मालवीय की मृत्यु के बाद सैकड़ों मेडिकल स्टूडेंट्स ने एम्स डायरेक्टर के ऑफिस पहुंच जमकर हंगामा काटा और एम्स प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा है कि हमने कई बार लिखित में एम्स प्रशासन से हॉस्टल की बात कही है लेकिन हमें हॉस्टल मुहिया नहीं कराया जा रहा है. काफी लोग दूर-दराज से एम्स में पढ़ने के लिए आते हैं. जहां रहते हैं, वहां प्रदूषण भी काफी रहता है साफ-सफाई सही नहीं होने के कारण छात्रों की तबीयत भी खराब हो जाती है.
ऐसे में हमारे साथी की साथ भी ऐसा ही हुआ. मृत छात्र की जब तबीयत काफी बिगड़ने लगी. जब तक अस्प्ताल पहुंचे उसकी हालात गंभीर हो गयी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. छात्रों का कहना है कि वह अगर एम्स परिसर के हॉस्टल में रह रहा होता तो शायद उसकी जान आज बच जाती. एम्स प्रशासन ने अगर हॉस्टल मुहिया कराया होता तो आज हमारा साथी हमें छोड़कर नहीं जाता.
मृतक छात्र के परिजनों को हुआ बुरा हाल
मृतक छात्र के परिजन ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को यहां पढ़ने के लिए भेजा था लेकिन उन्हें पता चला कि अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई है. जब उन्हें आज छात्रों के द्वारा सूचना मिली तब वहां पर आए हैं लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला. उन्होंने सिर्फ यह बताया कि उनका बेटा पढ़ने के लिए आया था. उन्हें क्या पता था कि बीमारी की वजह से उसकी जान चली जाएगी.
एम्स प्रशासन बिल्कुल भी हमारी बात सुन नहीं रहा है. कई बार हम लिखित में भी शिकायत कर चुके हैं फर्स्ट और सेकंड ईयर बैच के एक भी छात्र को हॉस्टल नहीं दिया गया है. जबकि छात्रों की मांग है कि हमें हॉस्टल में रहने की व्यवस्था की जाए लेकिन प्रशासन भारी मांग को दरकिनार कर रहा है और आज जो कुछ भी हुआ है हम इसके लिए एम्स प्रशासन को ही जिम्मेदार मानते हैं.
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