राजधानी दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने स्वदेशी विकसित किए गए कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर्स आमंत्रित किया है. कोवैक्सीन के देशभर में हो रहे ट्रायल में एम्स भी एक जगह जहां पर इस स्वदेशी वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है.


एम्स ने एक विज्ञापन में कहा- नई दिल्ली स्थित एम्स कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की एक साइट है. इस वैक्सीन को इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक की तरफ से तैयार किया गया है. एम्स में सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर और इस रिसर्च के प्रधान निरीक्षक डॉक्टर संजय कुमार राय ने विज्ञापन के जरिए यह सूचित किया कि वैक्सीन के फेज-1 और 2 (सुरक्षा और प्रभावोत्पादकता) पहले ही पूरा कर लिया गया है.


एम्स ने आगे कहा कि जो भी लोग वॉलेंटियर बनने के इच्छुक हैं वो अस्पताल प्रशासन से फोन नंबर +917428847499 या ईमेल ctaiims.covid19@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं. नामांकन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 है.


इससे पहले, डॉक्टर संजय राय ने कहा था, "हमें 1500 से 2000 के लगभग लोग चाहिए थे लेकिन अभी तक केवल 200 लोग आए हैं. लोग इस यह सोचकर भाग नहीं ले रहे हैं कि जब टीका सबको मिलने वाला है तो ट्रायल में भाग लेने की क्या जरूरत है."


डॉक्टर राय ने बताया था कि जब स्वेच्छा से आने वाले लोगों को प्रकिया के बारे में बताया जाता है तब वे इसमें भाग लेने से मना कर देते हैं. क्लिनिकल ट्रायल की प्रक्रिया के बारे में जानने के बाद लोग भाग लेने से यह कहकर मना कर देते हैं कि जब टीका जल्दी ही मिलने वाला है तो इसमें भाग क्यों लिया जाए. हालांकि जब पहले चरण का ट्रायल शुरू होने वाला था तब उन्हें सौ प्रतिभागियों की जरूरत थी लेकिन 4500 आवेदन मिले थे. दूसरे चरण के ट्रायल के समय भी अस्पताल को चार हजार आवेदन मिले थे.


डॉ राय ने कहा कि लोगों को ट्रायल में भाग लेना चाहिए. वह टीके के ट्रायल में भाग लेने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विज्ञापन, ईमेल और फोन कॉल का सहारा लेने की योजना बना रहे हैं.


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