सुशांत मौत मामला: मेडिकल टीम की रिपोर्ट पर उठे सवाल तो AIIMS ने दिया ये बयान
AIIMS की टीम ने सुशांत सिंह राजपूत को ‘जहर देने और गला घोंटने’ के दावे को खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सोमवार को कहा कि मेडिकल बोर्ड ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है और उसके बारे में कोई भी सूचना इस केंद्रीय जांच एजेंसी से ली जाए.
एम्स के अपराध विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने पिछले सप्ताह कहा था कि मेडिकल बोर्ड ने राजपूत की मौत के विषय में हत्या से इनकार किया है और इसे ‘फांसी लगाकर आत्महत्या’ करार दिया है.
सीबीआई को दी अपनी निर्णायक चिकित्सा-कानूनी राय में छह सदस्यीय मेडिकल दल ने ‘जहर देने और गला घोंटने’ के दावे को खारिज कर दिया है और गुप्ता ने कहा कि इस दल को विसरा में जहर या ड्रग का कोई अंश नहीं मिला.
हालांकि सोमवार को एम्स ने अपने बयान में कहा, ‘‘ नई दिल्ली के एम्स के फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सीकॉलोजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने एक मेडिकल बोर्ड बनाया था क्योंकि सीबीआई ने उनसे सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में विशेषज्ञों की राय प्रदान करने का अनुरोध किया था.’’
एम्स ने कहा, ‘‘ मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट सीधे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंप दी जैसा कि जरूरी था. कानूनी विषय होने के कारण मेडिकल बोर्ड द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट की कोई भी जानकारी सीबीआई से लेनी होगी.’’
उठे सवाल
यह बयान मीडिया की उन खबरों के बाद आया है जिनमें हत्या से इनकार संबंधी मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट और डॉ. गुप्ता के बयान पर सवाल खड़ा किया गया.
राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने रविवार को कहा कि वह सीबीआई को सौंपी गयी एम्स की चिकित्सा कानूनी राय से बहुत ज्यादा परेशान हैं और वह जांच एजेंसी के प्रमुख से इस मामले में नयी फोरेंसिक टीम बनाने का अनुरोध करेंगे.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ कैसे एम्स की टीम बिना शव के निर्णायक रिपोर्ट दे सकती है और खासकर (मुम्बई के) कूपर अस्पताल द्वारा किये गये घटिया पोस्टमार्टम पर, जिसमें मृत्यु के समय का जिक्र नहीं है.’’
शनिवार को डॉ. गुप्ता ने कहा था, ‘‘ यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला है. हमने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को अपनी निर्णायक रिपोर्ट सौंप दी है.’’
उन्होंने कहा कि फांसी के सिवा शरीर पर कोई जख्म नहीं है और संघर्ष का भी निशान नहीं है. उन्होंने कहा कि गले पर दबने का निशान फांसी से मेल खाता है.
डॉ. गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा था कि डॉक्टरों की टीम को विसरा में जहर या ड्रग का कोई अंश नहीं मिला . हालांकि उन्होंने कुछ और बताने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह अदालत के समक्ष विचाराधीन है.
राजपूत (34) 14 जून को मुम्बई के उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में मृत पाये गये थे. सीबीआई ने बिहार पुलिस से जांच अपने हाथों में ली थी. पटना में राजपूत के पिता के के सिंह ने राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के खिलाफ आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने का मामला दर्ज कराया था.
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