नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद एम्स (AIIMS) का नया ओपीडी तैयार हो गया है और 10 फरवरी से यहां मरीज देखे जाएंगे. एम्स का नया ओपीडी सेंटर अब एम्स के परिसर में नहीं बल्कि मस्जिद मोठ इलाके में होगा. एम्स की मुख्य ओपीडी में प्रतिदिन करीब नौ हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. जगह कम होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. नए ओपीडी ब्लॉक के शुरू होने से मरीजों को भीड़ से राहत मिलेगी. इस नौ मंजिले ओपीडी ब्लॉक के हर फ्लोर पर करीब 500 लोगों के बैठने की सुविधा होगी.
एम्स से कुछ दूर मस्जिद मोठ इलाके में बनकर तैयार नई ओपीडी सेंटर का रविवार को एम्स डायरेक्टर उद्घाटन कर दिया है. हालांकि लोगों के इलाज की शुरुआत यहां 10 फरवरी यानि सोमवार से होगी. राजधानी दिल्ली के एम्स परिसर में देशभर से लोग अपना इलाज कराने आते है. जिसके चलते एम्स पर काफी दबाव था.
क्या कुछ खास होगा एम्स के नई ओपीडी सेंटर में
-नया ओपीडी सेंटर आठ मंजिला इमारत में बना है
-एम्स के नए ओपीडी में तीन बेसमेंट, सबसे निचले बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा होगी
- बाकी के दो बेसमेंट को जांच यानि टेस्टिंग के सुविधा होगी.
- 1 बेसमेंट में रेडियोलॉजी की व्यवस्था होगी
- इमारत की बाकी आठ फ्लोर को ओपीडी के लिए रखा गया है
- नए ओपीडी की खास बात ये है कि इसमें काफी जगह है एक फ्लोर पर एक वक्त में 500 लोग बैठ सकते हैं
- नए ओपीडी में 8 से 10 हजार मरीजों के देखने की व्यवस्था होगी
- नए ओपीडी के 270 कमरों में डॉक्टर मरीजों को देख सकेंगे
- नए ओपीडी सेंटर में छोटे ऑपरेशन थियेटर भी बनाए गए हैं जहां माइनर सर्जरी की जा सकेगी
- इसके अलावा 2 डे केयर सेंटर भी है
- 40 काउंटर रजिस्ट्रेशन के लिए काउंटर होंगे
- उम्मीद है कि यहां रोजना 10 हजार मरीज देखे जा सकेंगे
शुरुआत में यहां पर सिर्फ 6 विभागों को शिफ्ट किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक एम्स ने नोटिस जारी कर संबंधित विभागों को यह सूचना दी है. एम्स की ओर से जारी नोटिस में बताया गया है कि 10 फरवरी से मनोचिकित्सा, ऑर्थोपेडिक, जनरल मेडिसिन, जेरियाट्रिक मेडिसिन, त्वचा व इंडोक्रिनोलॉजी विभाग की ओपीडी नए ब्लॉक में होंगी. बाकी विभागों को चरणबद्ध तरीके से जल्द वहां शिफ्ट किया जाएगा.
मरीजों को सही ढंग से देखा जा सके इसके लिए क्यों मैनेजमेंट सिस्टम का भी इंतजाम किया गया है. जानी मरीजों को टोकन दिया जाएगा और स्क्रीन पर नंबर देखकर वह डॉक्टर के पास जा सकेंगे. यानी उनकी बारी कब आएगी यह उन्हें स्क्रीन से पता चल जाएगा. यह व्यवस्था पुराने एम्स में नहीं थी.
फिलहाल एम्स में जहां ओपीडी लगती है, वहां मरीजों को लंबी कतार लगानी पड़ती है. इससे ओपीडी के बीच से निकलने वाले रास्ते में पैर रखने की जगह नहीं मिलती. अब उम्मीद की जा रही है कि नई ओपीडी के खुल जाने से लोगों को राहत मिलेगी वहीं डॉक्टरों को भी सही इलाज करने में मदद होगी.