बैंगलुरू: कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू में इसरो के केंद्र में चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने पहुंचे छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफलता के टिप्स दिए. पीएम मोदी ने छात्रों से कहा है कि हमेशा ऊंचा सोचिए. निराशा को कभी अपनी राम में न आने दें. इसरो के केंद्र में 60 बच्चे चंद्रयान 2 की लैंडिंग देखने पहुंचे थे. इन बच्चों ने पिछले महीने एक ऑनलाइन स्पेस क्विज में भाग लिया था.


बच्चों से पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा?


बच्चों से पीएम मोदी ने कहा, ‘’जीवन में बड़ा लक्ष्य रखें और लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते में निराशा को कभी न आने दें. जीवन में बड़ा करें और इसे छोटे भागों या लक्ष्यों में विभाजित करें. इन छोटे लक्ष्यों को प्राप्त करें और फिर इसे इकट्ठा करें.’’


इस दौरान पीए मोदी ने भूटान के छात्रों से भी मुलाकात की. पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि क्या वे भारतीय छात्रों से दोस्ती करते हैं? इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को ऑटोग्राफ दिए और छात्रों के साथ तस्वीरें भी खिचाईं


जब छात्र ने मोदी से पूछा, मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं


इस दौरान एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा, ‘’मेरा उद्देश्य भारत का राष्ट्रपति बनना है, इसके लिए मुझे क्या करना होगा? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘’राष्ट्रपति क्यों? प्रधानमंत्री क्यों नहीं?


बता दें कि 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया है. सपंर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. चंद्रयान-2 के बारे में अभी जानकारी का इंतजार है. इसरो के कंट्रोल रूम में वैज्ञानिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं. डाटा का अध्ययन अभी जारी है.


जो किया वो छोटा नहीं था, जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं- वैज्ञानिकों से पीएम मोदी


इस दौरान पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों से हिम्मत रखने को कहा है. पीएम ने इसरो चेयरमैन के. सिवन की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा, ''जो किया वो छोटा नहीं था. आपने देश, विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है. मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं. जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, उम्मीद की किरण बाकी है. हर पड़ाव से हम सीखते रहते हैं. देश की सेवा करने को लिए आप सब को बधाई. मैं आपके साथ हूं.''


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