Gyanvapi Masjid News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) की तरफ से तैयार रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एएसआई को हिंदुत्व के हाथों की कठपुतली करार दिया है. एएसआई रिपोर्ट में कहा गया कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण से पहले यहां एक विशाल मंदिर था और मस्जिद का निर्माण मंदिर के अवशेषों पर हुआ है.
एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी 17वीं सदी की मस्जिद वैज्ञानिक सर्वे किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसका निर्माण किसी मंदिर की पहले से मौजूद संरचना के ऊपर किया गया था या नहीं. इस सर्वे की इजाजत अदालत ने दी थी. रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्ष ने एक बार फिर से दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी. हालांकि, ओवैसी इससे सहमत होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.
ओवैसी ने क्या कहा?
हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'यह पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगा. रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मजाक उड़ाया गया है. जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था, एएसआई हिंदुत्व के हाथों की कठपुतली है.'
हिंदू पक्ष ने क्या दावा किया है?
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद को पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया है. एएसआई की 839 पन्नों वाली रिपोर्ट की कॉपियों को सभी पक्षों को सौंप दिया गया है. जैन का दावा है कि सर्वे रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने हैं. उन्होंने दावा किया कि सर्वे के दौरान दो तहखानों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष भी मिले हैं.
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