Owaisi On Nupur Sharma Row: एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी में हुए बुलडोजर की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है. एबीपी न्यूज़ से उन्होंने देश के ताजा हालातों पर कहा है कि बीजेपी (BJP) ने मुसलमानों के खिलाफ जंग का एलान कर दिया है. बीजेपी और उसके नेतृत्व वाली सरकार की इस तरह की हरकतें देश के संविधान को कमजोर कर रही है.
जुमे की नमाज बाद भड़की हिंसा और औवेसी के विचार
बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान देश के अलग हिस्सों में हिंसा हुई और खासकर यूपी में उस हिंसा और बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "बुलडोजर का इस्तेमाल संविधान के खिलाफ है. ये भारत के रूल ऑफ लॉ को कमजोर करता है. ये जनता में इंसाफ के ताल्लुक से उनके विश्वास को कम करता है. बुलडोजर का इस्तेमाल अगर करते रहेंगे तो अदालत की, जजेज की, पुलिस की क्या जरूरत है ? ये पूरी तरह से गलत है, असंवैधानिक है."
उन्होंने आगे कहा, "ये बात सामने आ चुकी हैं कि आफरीन फातिमा (Afreen Fatima) के घर को गैर कानूनी तरीके से नफरत की बुनियाद पर ढहाया गया था. झूठ और फरेब के तौर पर बैकडेट में नोटिस लगाकर घर तोड़ा गया. ये गैरकानूनी है असंवैधानिक है."
क्या मुख्यमंत्री यूपी चीफ जस्टिस बन चुके हैं ?
ओवैसी ने कहा, "मुसलमानों को कलेक्टिव पनिशमेंट दी जा रही है. इससे साफ जाहिर है कि भाजपा मुसलमानों के खिलाफ एक जंग का एलान कर चुकी हैं. इसके निशां देखे जा सकते हैं. हम इसका खंडन करते हैं, हम चाहते हैं कि अदालत इसका नोटिस लें, क्योंकि ये कलेक्टिव पनिशमेंट दिया जा रहा है. क्या यूपी के मुख्यमंत्री कोई चीफ जस्टिस बन चुके हैं कि वो किसी को दोषी करार देंगे. अगर अदालत भी किसी को दोषी ठहराती है तो इंडिविजुवल उसे सजा देती है न कि कलेक्टिव पनिशमेंट. यहां तो आपने पूरा घर बर्बाद, बेघर कर दिया."
उन्होने आगे कहा," आप ये बोलते हैं कि हथियार मिले, वहां पर लाइव टीवी था, अरे अगर हथियार मिले तो सीन ऑफ ऑफेंस को आप प्रिर्जव करते . ये सरासर नफरत की एक निशानी है. भाजपा की तरफ से ये कलेक्टिव पनिशमेंट दी जी रही है." एआईएमआईएम चीफ ने यूपी के सीएम पर तंज किया कि उत्तर प्रदेश के सीएम समझ रहे हैं कि इस तरह से उनके दिल्ली जाने का रास्ता आगे बढ़ जाएगा. ये गलत है ये इनको हॉन्ट करेगा. ये संविधान और रूल ऑफ लॉ को कमजोर कर रहा है.
नूपुर शर्मा विवाद में कोई फ्रिंज नहीं, भाजपा ही मेन एलिमेंट है
भाजपा और सरकार के कुछ फ्रिंज एलीमेंट की बयानबाजी से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उससे हिंसा भड़कने की बात पर औवेसी ने कहा, " जी कोई फ्रिंज एलीमेंट नहीं है. भाजपा की नेशनल स्पोक पर्सन महोतरमा नूपुर शर्मा कोई फ्रिंज एलीमेंट नहीं है. वो भाजपा की नेशनल एग्जीक्यूटीव कमेटी की मेंबर है, कोई फ्रिंज नेशनल स्पोक पर्सन नहीं बन जाता. भाजपा की तरफ से ये एक पॉलिसी के तहत हो रहा है. कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा की जाए, उनमें डर पैदा किया जाए. सब सिस्टेमेटिक तरीके से किया जा रहा है. तो इनको फ्रिंज बोलना बेवकूफी है बल्कि ये मेन एलीमेंट्स हैं ये बीजेपी का फ्रंट बिग्रेड है. बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार में मुसलमानों की जिंदगी और इज्जत कोई कीमत नहीं है."
प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए
औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को नुपुर शर्मा के बयान पर बात करनी चाहिए थी, इस मुद्दे पर वो कुछ बोले ही नहीं. उनको चाहिए था कि वो पहले या दूसरे दिन कंडेंम करते.
भाजपा से खासे नाराज दिखे ओवैसी ने आगे कहा कि अब तक मोहतरमा नूपुर शर्मा को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? क्यों बचा के रखा जा रहा है ? भाजपा वाले पूरी तरह से बायस हैं. यूपी सीएम की फोटो को कोई मार्फ्ड करता है तो अरेस्ट हो जाता है और ये हमारे पैगंबर की शान में अनाप -शनाप बकती है. तो आप उसको गिरफ्तार भी नहीं करते, केस भी नहीं बुक करते हैं.
नौकरी देकर पीएम अहसान नहीं कर रहे
ओवैसी ने प्रधानमंत्री की 10 लाख नौकरियां देने वाली बात पर कहा कि हमने भाजपा सांसद वरुण गांधी ने जो डाटा दिया है, जिसमें कहा गया है कि देश में 60 लाख नौकरियां हैं. जिसमें से 50 लाख तो केंद्र सरकार के पास हैं, तो देश के प्रधानमंत्री 10 लाख क्यों दे रहे हैं ? पूरे 50 लाख दीजिए न ! आप डेढ़ साल में कह रहे हैं ताकि 2024 के चुनाव में आप बोल सकें. 45 लाख नौकरीयां बची हैं, उन्हें क्यों रोक रहे हो, उसका बजट है और वो स्वीकृत (Sanctioned) पोस्ट हैं. तो देश के पीएम 10 लाख देकर अहसान नहीं कर रहे हैं,बल्कि इंसाफ का तकाजा ये है कि नौजवानों को अगर रोजगार देना है, तो पूरे 50 लाख नौकरियां दीजिए न, जो केंद्र सरकार के पास हैं. सिर्फ 10 लाख ही क्यों दे रहे हैं. हम युवाओं के साथ पूरा इंसाफ करने की मांग करते हैं. कीमतों को कम करिए, कीमतें आसमान छू रही हैं, इंफ्लेएशन कहां जा रहा है, देखिए डॉलर 78 के ऊपर हो चुका है, इसका जिम्मेदार कौन है?
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