Asaddudin Owaisi Supported Caste Census: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जातिगत जनगणना का समर्थन करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर जो 42 मांगें रखी गई हैं, हम उनका समर्थन करते हैं और हम मांग करते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को तुरंत जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए.


इसके अलावा उन्होंने 50% कोटा को खत्म करने की डिमांड भी की. ओवैसी ने कहा, 'हमारी कई महत्वपूर्ण मांगें हैं, जिन पर सरकार को तुरंत काम शुरू करना चाहिए, क्योंकि 52% आबादी को 27% आरक्षण मिल रहा है और जो आबादी 10% है उसे 50% आरक्षण मिल रहा है. यह गलत है और इसे ठीक किया जाना चाहिए.'


जातिगत मतगणना का पहले भी समर्थन कर चुके हैं ओवैसी 
यह पहला मौका नहीं है, जब ओवैसी ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया हो. इससे पहले भी वह कई बार इसका सपोर्ट कर चुके हैं. AIMIM नेता का मानना है कि पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए जातिगत जनगणना को लागू करना बेहद जरूरी है. जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर 2021 में जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने गया था तो उस समय ओवैसी की पार्टी के नेता अख्तरुल ईमान भी उसका हिस्सा थे.  


इन नेताओं ने की मुलाकात
पीएम मोदी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव, जदयू नेता विजय कुमार चौधरी, बीजेपी के जनक राम, कांग्रेस के अजीत शर्मा, भाकपा माले के महबूब आलम, एआईएमआईंएम नेता अख्तरुल ईमान, हम पार्टी के जीतन राम मांझी, वीआईपी से  मुकेश सहनी,  भाकपा के सूर्यकांत पासवान और माकपा नेता अजय कुमार शामिल थे. 


क्यों उठ रही है जाति आधारित जनगणना की मांग
पिछले कुछ समय से विपक्षी पार्टियां जाति आधारित जनगणना की मांग कर रही हैं. दरअसल, जातिगत जनगणना भाजपा के लिए कथित तौर पर उसके हिंदुत्व अभियान के लिए चुनौती बन सकती है. इस कारण वह इसका विरोध कर रही है. वहीं, जाति आधारित पार्टियां लंबे समय से इसकी मांग कर रही हैं.


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