Owaisi On Taliban: तालिबान नेता से भारतीय राजदूत की मुलाकात पर भड़के ओवैसी, केन्द्र सरकार से पूछे ये सवाल- Video
Afghanistan Crisis: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि सरकार यह बताएं कि क्या वह तालिबान को एक आतंकी संगठन मानती है या नहीं?
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी समेत अन्य मुद्दों पर तालिबान नेता के साथ मंगलवार को कतर स्थित भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में मुलाकात की. किसी भी तालिबान नेता के साथ भारत सरकार की यह पहली औपचारिक मुलाकात थी. इस मुलाकात को लेकर जहां विपक्षी दलों ने केन्द्र पर निशाना साधा है तो वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए सरकार से सवाल किया है.
तालिबान से बातचीत पर ओवैसी ने किए सवाल
ओवैसी ने कहा- यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है. एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि तालिबान पर भारत को अपना रुख साफ करना चाहिए कि क्या उसे वे एक आतंकी संगठन मानते हैं या नहीं? इसके साथ ही, एआईएमआईएम चीफ ने यूपी चुनाव को लेकर अपने दौरे के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि वह 7 सितंबर को फैजाबाद जाएंगे, 8 सितंबर को सुलतानपुर और 9 सितंबर को बाराबंकी जाएंगे. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में योगी सरकार को हराने के लिए वह आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के और अधिक जगहों का दौरा करेंगे.
WATCH | "It's a matter of national security," AIMIM chief Asaduddin Owaisi raises questions on India ambassador to Qatar's meet with Taliban in Doha.
— ANI (@ANI) September 2, 2021
He said Centre must clear India's stand on Taliban whether Centre see them as a terrorist organisation or not? pic.twitter.com/ejEw3xf0A9
उमर बोले- सरकार तालिबान पर साफ करे रूख
इससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि सरकार यह बताएं कि क्या वह तालिबान को एक आतंकी संगठन मानती है या नहीं? उमर ने कहा- "अगर वह आतंकी समूह है तो फिर क्यों आप उसके साथ बात कर रहे हैं? अगर आप उसे आतंकी संगठन नहीं मानते हैं तो संयुक्त राष्ट्र जाएं और वहां से उसे आतंकी संगठन की लिस्ट से हटवाएं. पहले अपना मन बना लें."
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कतर में भारतीय दूत दीपक मित्तल ने तालिबान नेता एस. एम. अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की. इस दौरान सुरक्षा, अफगानिस्तान से भारतीयों की जल्द वापसी पर चर्चा की गई. विदेश मंत्रालय ने बताया कि तालिबान के पक्ष से अनुरोध के बाद यह बैठक दोहा स्थित भारतीय दूतावास में हुई है. दोनों के बीच अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को लेकर चर्चा हुई है. इसके साथ ही, भारतीयों की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई है..
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि इस अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उसकी फौरन वापसी पर चर्चा केन्द्रित रही. अफगान नागरिकों खासकर अल्पसंख्यकों, जो भारत आना चाहते हैं, उनको लेकर भी चर्चा की गई. भारतीय राजदूत मित्तल ने अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ न करने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से आतंकवाद को समर्थन देने वाली किसी भी गतिविधि का अफगानिस्तान की धरती से समर्थन न मिले. विदेश मंत्रालय ने बताया कि तालिबान के नेता ने इस बात को लेकर भारतीय राजदूत मित्तल को आश्वस्त किया है कि इसे सकारात्मक तरीके से हल किया जाएगा.
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