किसानों के प्रदर्शन पर असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को क्या सलाह दी? बताया कैसे सुलझ सकता है मुद्दा
AIMIM Chief on Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मंगलवार (13 फरवरी) को झड़प हुई. इसमें 60 लोग घायल हुए.
Farmers Protest: किसानों के प्रदर्शन का बुधवार (14 फरवरी) को दूसरा दिन है. पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर मंगलवार को हुई झड़प के बाद रातभर किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च रुका रहा और एक बार फिर से इसकी शुरुआत हो गई है. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दे पर सलाह दी है और उनके साथ किए जा रहे बर्ताव पर निशाना साधा है.
ओवैसी ने कहा, 'ये मोदी सरकार की विफलता है. उन्हें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए था. किसानों की दूसरी मांग स्वामीनाथन कमिटी के फॉर्मूले को लागू करना है. सरकार ऐसा करने में समय क्यों बर्बाद कर रही है?' उन्होंने आगे कहा, 'आप किसानों को ऐसे रोक रहे हैं जैसे पड़ोसी देश की सेना आ रही है. उनकी मांगों को देश के प्रधानमंत्री को तुरंत स्वीकार करना चाहिए. चुनाव आ रहे हैं, उन्हें फायदा मिलेगा.'
हिंसा में 60 लोग घायल
किसान यूनियनों और सुरक्षाकर्मियों के बीच पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर मंगलवार (13 फरवरी) को झड़प हुई. इसमें किसानों और मीडियाकर्मियों सहित 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया. किसानों का दावा है कि पुलिस की कार्रवाई में 100 के करीब प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. बुधवार को एक बार फिर से प्रदर्शन की शुरुआत हुई है.
पंजाब-हरियाणा सीमा पर 10 हजार किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर शंभू में 10 हजार किसान मौजूद हैं. उन्होंने तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे तक मीटिंग की, जिसके बाद मार्च को फिर से शुरू करने का ऐलान किया गया. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान नेता संग वार्ता के को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया. मुंडा ने संकेत दिया कि अधिकांश मुद्दों पर आम सहमति बन गई है, एक समिति के गठन के माध्यम से शेष मुद्दों के समाधान के लिए प्रस्ताव रखे गए हैं.