Owaisi on Election Commissioner Resignation: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है. असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि यह बहुत चौंकाने वाली बात है. जब भारत का चुनाव आयोग 13 मार्च के बाद किसी भी दिन कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है, ऐसी स्थिति में उससे ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा देना कई सवाल खड़े करती है.


ओवैसी ने कहा, “मैंने संसद में कहा था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का तरीका बदल रही है. इससे अगर इन्हें नियुक्त करने वाले तीन लोगों में से दो सरकार के हैं तो जाहिर सी बात है कि सरकार अपने लोगों को ही रखेगी. अरुण गोयल या सरकार को इसका कारण बताना चाहिए कि चुनाव से ठीक पहले ऐसा क्यों हुआ.”


सुनिए ओवैसी ने क्या कहा...



पहले से ही खाली था एक पद, अब सिर्फ एक ही आयुक्त बचे


तीन सदस्यों वाले भारत के चुनाव आयोग में पहले से ही एक पद खाली चल रहा था और अब अरुण गोयल के इस्तीफे से चुनाव पैनल में सिर्फ श्री कुमार ही बचे हैं. अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में शामिल हुए थे.


चुनाव की तारीखों की घोषणा में हो सकती है देरी


सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने की संभावना है. इससे ठीक पहले गोयल के अप्रत्याशित तरीके से जाने से अब तारीखों की घोषणा में कुछ देरी भी हो सकती है.


अब आगे क्या होगा?


नए सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया में कानून मंत्री के नेतृत्व वाली और दो केंद्रीय सचिवों सहित एक सर्च कमिटी शामिल होगी. ये पांच नामों को शॉर्टलिस्ट करेगी. इसके बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति, जिसमें प्रधानमंत्री की ओर से नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता या सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होंगे वे अंतिम उम्मीदवार का चयन करेगी. इसके बाद राष्ट्रपति औपचारिक रूप से चुने हुए सीईसी या ईसी की नियुक्ति करेंगे.