नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति (वर्किंग कमिटी) की बैठक सोमवार को हंगामेदार रही. बैठक के दौरान चिट्ठी लिखने वाले नेता जैसे गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक आदि बाकी नेताओं के निशाने पर रहे. इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने को लेकर उनपर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है. अगर आरोप साबित हो जाएं तो वह इस्तीफा देने को तैयार हैं. इसे लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आजाद पर निशाना साधा है.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''गुलाम नबी आज़ाद हमें बीजेपी की 'बी' टीम कहते थे. अब, उनकी पार्टी के पूर्व प्रमुख ने कहा कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर करके बीजेपी के साथ मिलीभगत की. कांग्रेस में मुस्लिम नेता, जो समय बर्बाद कर रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि वे कब तक कांग्रेस नेतृत्व के गुलाम रहेंगे.''
बता दें कि कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बड़े बदलाव करने की मांग की थी. इन नेताओं में 5 पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सांसद और तमाम पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. इन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में पूरी तरह से बदलाव लाने के लिए कहा था.
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने चिट्ठी की टाइमिंग और नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि चिट्ठी तब लिखी गई जब सोनिया गांधी बीमार थीं. चिट्ठी के मीडिया में लीक होने पर भी राहुल गांधी ने नाराजगी जताई और कहा कि बात पार्टी के अंदर रखने की बजाय मीडिया में लीक की गई. राहुल ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से उन्हें दुख पहुंचा है आखिर वह भी बेटे हैं.
ये भी पढ़ें-
दुनियाभर में 24 घंटे में आए 2.11 लाख नए कोरोना मामले, अबतक 3.43% लोगों की मौत, 68.69% ठीक हुए
अमेरिका-ब्राजील में हैं दुनिया के 40% कोरोना मामले, दोनों देशों में कल सामने आए 63 हजार नए मरीज