'जुनैद और नासिर को जिंदा जला दिया तो मैं कौन हूं' AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी बोले- हमला करने वाले गोडसे की...
Asaduddin Owaisi: एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर पथराव का आरोप लगाया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रहे है. हमलावरों को लेकर अभी तक कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है.
Junaid Nasir Murder case: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (20 फरवरी) को अपने दिल्ली के सांसद निवास पर हुए हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जब जुनैद और नासिर को जिंदा जलाया जा सकता है तो मैं कौन हूं. उन्होंने कहा कि उनके (बीजेपी) हौसले इसलिए बुलंद है क्योंकि उनकी पार्टी सत्ता में है. ओवैसी ने कहा कि यह चौथी बार है, जब मेरे घर पर हमला हुआ है. उनको लगता है कि हिंसा के जरिए वो अपने एजेंडे को मुकम्मल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमला करने वाले नाथूराम गोडसे की विचारधारा को मानने वाले हो सकते हैं.
उन्होंने भिवानी कांड के आरोपी की पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे की मौत पर कहा कि मैं इस तरह की घटना की निंदा करता हूं. ऐसा नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अगर मुझे मौका दिया जाता है तो मैं जुनैद और नसीर के पीड़ित परिवारों से मिलने जाऊंगा. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पुलिस मेरे घर पर हुए हमले के बारे में सही जानकारी देगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को इस मामले को देखना चाहिए. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मेरे घर पर सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, लेकिन सड़कों पर कई कैमरे लगे हैं जिनको चेक किए जाने की जरूरत है.
अज्ञात लोगों ने किया घर पर हमला
असदुद्दीन ओवैसी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कहा कि भारत के मुसलमानों को संविधान में सुरक्षा मिली हुई है. कोई भी सरकार यूसीसी के नाम पर मुसलमानों का अधिकार नहीं छीन सकती है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके दिल्ली आवास पर रविवार शाम को अज्ञात लोगों ने पथराव कर गाड़ी समेत घरों की खिड़कियों और अन्य चीजों को नुकसान पहुंचाया है.
उन्होंने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी. जिसके कुछ ही देर बाद पुलिस ने सांसद आवास पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी. पुलिस हर एंगल से तफ्तीश कर रही है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जांच कर रही है.
पत्थरबाजी पर क्या है बंदरों वाली थ्योरी?
ओवैसी के घर पर पत्थरबाजी को बंदरों की हरकत भी माना जा रहा है. दरअसल, पूरे लूटियन जोन में बंदरों का आतंक है. इसी इलाके में स्थित चुनाव आयोग के बाहर तो बंदरों को भगाने के लिए गुलेल से बंदरों को भगाने का भी इंतजाम किया गया है. हालांकि, उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बंदर चुनाव आयोग के दफ्तर पर पत्थर नहीं फेंकते, पुलिस मुख्यालय पर पत्थर नहीं फेंकते हैं. भारत के लोकतंत्र के दुश्मन बंदर ही हो सकते हैं.
उन्होंने बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कहा कि अगर ये लोग बीजेपी के प्रवक्ता हैं तो बीजेपी को ये बात गंभीरता से लेनी पड़ेगी. जब ये लोग ऐसा कुछ कर देंगे तो फिर हम भी बोलेंगे.
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