Asaduddin Owaisi On Amit Shah Statement: नागरिकता संशोधन अधिनियम  (CAA) पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सीएए मुसलमानों, दलितों और विभिन्न समुदायों के गरीब नागरिकों को परेशान करने के लिए लाया गया है.


ओवैसी ने रविवार (11 फरवरी) को कहा, "यह कानून धर्म पर आधारित है. हम कभी भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं, सिखों और अन्य लोगों की (भारत वापसी) के खिलाफ नहीं थे, लेकिन सीएए को एनपीआर और एनआरसी से अलग करके नहीं देखा जा सकता. यह कानून मुसलमानों, दलितों और विभिन्न समुदायों के गरीब नागरिकों को परेशान करने के लिए है."


'मुसलमानों को भड़काया जा रहा है'
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (10 फरवरी) को  ईटी नाउ-ग्लोबल बिजनेस में कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी नागरिकता नहीं छीनी जाएगी. 


अमित शाह ने ईटी नाउ-ग्लोबल बिजनेस में कहा कि सीएए को चुनावों तक  नोटिफाई कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीएए को चुनावों से पहले लागू किया जाएगा और इसे लेकर किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए.


'एक्ट में नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं'
उन्होने दावा किया कि इस एक्ट में किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है. इसको लेकर देश अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है. यह कानून बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने लिए बनाया गया है.


सीएए को 2019 में संसद ने पारित किया था. इसको लेकर केंद्र सरकार ने अब तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है. यह अधिनियम पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान बनाता है.


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