Maharashtra Police Notice to Owaisi: महाराष्ट्र पुलिस की ओर से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को मालेगांव में निर्धारित सभा से पहले नोटिस भेजे जाने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें इसी तरह के नोटिस भेजे गए थे, जिसे लेकर पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है और अपने नेता को बार-बार निशाना बनाए जाने पर सवाल उठाया है.
एआईएमआईएम ने सवाल उठाया कि असदुद्दीन ओवैसी को बार-बार नोटिस भेजने का क्या मतलब है? सार्वजनिक मंचों से किसी खास समुदाय को निशाना बनाकर खुलेआम भड़काऊ भाषण देने वाले अन्य दलों के नेताओं को नोटिस क्यों नहीं भेजे जाते?.पार्टी ने इसे राजनीतिक पक्षपात और चुनिंदा कार्रवाई का मामला बताया है. पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए. ओवैसी की पार्टी ने कहा कि अगर किसी भी नेता की ओर कोई भड़काऊ बयान दिया जाता है, तो उस पर समान रूप से कार्रवाई होनी चाहिए.
चुनाव प्रचार और संवेदनशील भाषण
पार्टी का कहना है कि ओवैसी के भाषण अक्सर विवादस्पद और भावनात्मक होते हैं, जिनमें वे अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनके मुद्दों को उठाते हैं. पुलिस का कहना है कि ऐसी सभाओं से संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा हो सकता है, इसलिए नोटिस जारी किए जाते हैं. वहीं, एआईएमआईएम के मुताबिक, यह कार्रवाई उनकी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने का प्रयास हो सकता है.
सोलापुर पुलिस ने ओवैसी को मंच पर थमाया था नोटिस
महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान भी असदुद्दीन ओवैसी को एक रैली के बीच में सोलापुर पुलिस ने ओवैसी को मंच पर नोटिस थमा दिया था. वे सोलापुर मध्य विधानसभा क्षेत्र के पार्टी उम्मीदवार फारूक शाब्दी की रैली में शामिल होने के लिए आए थे. इसी दौरान औवेसी को नोटिस दिया गया था.बता दें कि पुलिस ने भारतीय नागरिक संहिता की धारा 168 के तहत ओवैसी को नोटिस जारी किया था.