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तीन तलाक: सरकार के बिल पर ओवैसी ने कहा, 'ये कानून महिला विरोधी है'
सरकार ने तीन तलाक को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था. प्रस्तावित कानून के तहत एक साथ तीन तलाक देना गैर कानूनी होगा और पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है.
हैदराबादः ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एनडीए सरकार की ओर से पेश किया गया तीन तलाक विधेयक भेद करने वाला है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए संशोधन का प्रस्ताव देंगे कि 'तलाक पाने वाली महिला का संरक्षण हो.''
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ''भयानक कानून बनाने की अपनी पुरानी परंपरा को जारी रखते हुए मोदी ने 'संशोधित' तीन तलाक विधेयक पेश किया है जो भेद भाव करने वाला है और महिला विरोधी है.''
ओवैसी ने कहा, ''अन्यायपूर्ण कानूनों का विरोध करने की अपनी लंबी परंपरा को जारी रखते हुए, मैं संशोधनों का प्रस्ताव रखूंगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि तलाक पाने वाली महिला का संरक्षण हो.'' मुसलमानों में तीन तलाक या 'तलाक-ए-बिद्दत' को दंडनीय अपराध बनाने के लिए एक नए विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया.
सितंबर में सरकार ने इसी को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था. प्रस्तावित कानून के तहत एक साथ तीन तलाक देना गैर कानूनी होगा और पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है.
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