AIMIM Chief Asaduddin Owaisi: हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में केवल दो बच्चे अनिवार्य करने वाले किसी भी कानून का कतई समर्थन नहीं करेंगे. उन्होंने देश को आबादी के मामले में चीन (China) के नक्शेकदम पर चलने के लिए आगाह किया है. उन्होंने कहा कि चीन जैसी गलती करना भारत को लैंगिक समानता (Gender Equality) के मामले में हाशिए पर ला देगा. आखिर ओवैसी जनसंख्या को लेकर अचानक इतने संजीदा क्यों हो गए हैं ? इसके पीछे कि वजह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ-आरआरएस (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का एक बयान है. संघ प्रमुख भागवत ने कहा था कि केवल खाना खाना और आबादी बढ़ाने के काम तो जानवर भी करते हैं. हालांकि ओवैसी के इस ट्वीट के पीछे का दर्द यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की जनसंख्या असंतुलन पर दिया गया हालिया बयान भी है.
चीन का उदाहरण क्यों लेकर आए ओवैसी
हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत को आबादी के मामले में चीन जैसी पॉलिसी बनाने को लेकर आगाह किया है. उन्होंने अपने ट्विटर (Twitter) हैंडल से किए गए ट्वीट (Tweet) में आबादी पर पॉलिसी बनाने को लेकर भारत सरकार को चेतावनी दी है. ओवैसी ने ट्वीट किया, "हमें चीन की गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए. मैं ऐसे किसी भी कानून का समर्थन नहीं करूंगा जो दो बच्चों की नीति (2 children only policy) को अनिवार्य करता है, क्योंकि इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा." उन्होंने कहा कि भारत में प्रजनन दर (Fertility Rate) कम हो रही है और यह साल 2030 तक स्थिर (Stabilize)हो पाएगी. दरअसल असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आबादी के मामले में चीन (China) की वन चाइल्ड पॉलिसी जैसी अपनाने के लिए आगाह किया है.
चीन ने अपनाई थी ये पॉलिसी
गौरतलब है कि चीन ने अपने यहां आबादी रोकने के लिए वन चाइल्ड पॉलिसी (One Child Policy) अपनाई थी. चीन में साल 1979 में ये पॉलिसी लागू की गई थी. हालांकि 2016 में चीन इस पॉलिसी को खत्म कर दिया था, लेकिन इस पॉलिसी के कुछ फायदे हुए तो इसका एक बड़ा नुकसान ये हुआ कि इससे यहां लिंगानुपात में भारी अंतर आ गया. 120 पर पुरुषों पर महिलाएं 100 पर सिमट आईं और कन्या भ्रूण हत्याएं हुईं .जहां चीन में 1950 में युवा आबादी अधिक थी तो वन चाइल्ड पॉलिसी की खामियाजे के तौर पर साल 2050 यहां बूढ़ों की आबादी अधिक होने का अनुमान है.
जनसंख्या के मामले पर क्यों मचा बवाल
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने विश्व की आबादी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, इस रिपोर्ट में आबादी के मामले में साल 2023 तक भारत के चीन को पीछे छोड़ देने की बात कही गई है और दुनिया में सबसे अधिक आबादी का तमगा भारत के नाम हो जाएगा. इसके बाद से ही देश के नेताओं और संगठनों में आबादी को लेकर नए-नए बयान आ रहे हैं. अभी एक दिन पहले ही आरआरएस प्रमुख भागवत ने कहा कि आबादी बढ़ाने का काम तो जानवर भी करते हैं. उनके इसी बयान पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ नसीहतों पर नसीहतें दे रहे हैं.
कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की जनसंख्या असंतुलन (Population Imbalance) पर बयान दिया था. तब ओवैसी ने इसके जवाब में पलटवार करते हुए कहा था कि मुसलमान गर्भनिरोधक (Contraceptives) का सबसे अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा था, '' योगी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि देश में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है. ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं.''
ये भी पढ़ें:
RSS Chief Mohan Bhagwat: मोहन भागवत बोले- देश के आगे बढ़ने के संकेत अब हर तरफ नजर आ रहे हैं